वास्तु के अनुसार कैसी होनी चाहिए रसोई, आखि‍र क्या हैं इससे जुड़ी मान्यताएं

रसोई को बनवाते समय काफी बातों का ध्यान रखा जाता है जैसे रसोई का फर्श बनवाने जैसी बेहद छोटी चीज का भी ध्यान रखा जाता है

वास्तु के अनुसार कैसी होनी चाहिए रसोई, आखि‍र क्या हैं इससे जुड़ी मान्यताएं

अगर आपसे पूछा जाए कि घर में आपकी मां, पत्‍नी, बहन या भाभी का मनपसंद कोना कौन सा है, तो जवाब होगा रसोई. हर घर में रसोई एक अहम हिस्सा होती है. लेकिन फिर भी रसोई बनवाते  समय कई बार कोताही बरत ली जाती है. कोताही से यहां मतलब है वास्तु की अनदेखी. रसोई को बनवाते समय काफी बातों का ध्यान रखा जाता है जैसे रसोई का फर्श बनवाने जैसी बेहद छोटी चीज का भी ध्यान रखा जाता है.


आपकी रसोई अहम और खास
वास्तु के अनुसार रसोई का निर्माण करते समय कई बातें बेहद अहम और खास हो जाती हैं और उन पर अमल किया जाना भी जरूरी होता है. इसमें सबसे पहले रसोई और चूल्हे के लिए सही स्थान का चुनाव किया जाता है. उसके बाद दरवाजों और खिड़कियों के लिए सही दिशा और जगह का भी ख्याल रखना जरूरी है. इसके साथ ही साथ रसोई के चूल्हे, गैस सिलेण्डर, सिंक, फ्रिज और दूसरे इलैक्ट्रानिक गेजेट्स का भी सही जगह पर होना बेहद जरूरी है.

 


आइए वास्तु की नजर से आपके घर के लिए कुछ टिप्स पर नजर डालते हैं
  • वास्तु शास्त्र की नजर से देखा जाए तो रसोई के लिए सबसे उचित स्थान दक्षिण पूर्व 'आग्नेय कोण' कार्नर होता है, अगर किसी वजह से वहां पर रसोई का निर्माण संभव नहीं, तो वैकल्पिक दिशा के तौर पर उत्तर पश्चिम का भी चुनाव किया जा सकता है.
  • वास्तु के नियमों के अनुसार रसोई के लिए कुछ जगह बिल्कुल भी ठीक नहीं समझी जातीं, जैसे उत्तर पूर्व दक्षिण पश्चिम दिशा का चुनाव नहीं करना चाहिए. इसके साथ ही उत्तर में तो रसोई का निर्माण बिल्कुल ही नहीं करना चाहिए. इस बात का भी ख्याल रखना चाहिए कि मिड वेस्ट और साउथर्दन साउथ वेस्ट में रसोई का निर्माण न करें. अगर दक्षिणी दिशा में रसोई का निर्माण करवाया गया है तो चूल्हा पूर्वी दिशा में ही रखना चाहिए.
ध्‍यान रहे कि कुकिंग प्लेटफार्म पश्चिमी या उत्तरी दिशा की दीवारों के साथ न हो.
  • पीने का पानी उत्तर पूर्व दिशा की ओर रखना चाहिए.
  • सिंक नार्थ वेस्ट दिशा में रखना बेहतर रहता है.
  • रसोई में काले रंग के ग्रेनाइट का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. उनके स्थान पर हरा महरून या फिर सफेद रंग के पत्थरों का इस्तेमाल किया जा सकता है.
  • खाना बनाते समय पूर्व दिशा की मुंह करना सबसे बेहतर रहता है. इस दिशा को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है.
  • किचन में अगर फ्रिज रखा गया हो तो उसे नार्थ-वेस्ट, उत्तर-पश्चिम में रखा जा सकता है.
  • कोशिश यह करनी चाहिए कि सिंक और चूल्हा एक ही प्लेटफार्म पर न हो.
  • ध्यान रखें कि खिड़की के नीचे चूल्हा न हो.
  • चूल्हे के ऊपर किसी तरह का शेल्फ भी उचित नहीं समझा जाता.
  • किचन की दीवारों पर नीले या आसमानी रंग के प्रयोग से बचना चाहिए.
  • एक ओर बात प्रयास करें कि दरवाजा ठीक आपकी पीठ के पीछे न हो इससे बार बार मुडने से आपको परेशानी हो सकती है.

वास्‍तु विशेषज्ञ दिपांशु सेतिया से बातचीत पर आधारित

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