इस मंदिर की हर दीवार पर सजी हैं रामचरितमानस की चौपाइयां और दोहे

काशी का मनोरम तुलसी मानस मंदिर. इस मंदिर की सभी दीवारें रामचरितमानस की दोहे और चौपाईयों से सजी हैं.

इस मंदिर की हर दीवार पर सजी हैं रामचरितमानस की चौपाइयां और दोहे

वाराणसी कैण्ट रेलवे स्टेशन से 7 कि.मी. दूर स्थित है दुर्गाकुण्ड और इसी के पास स्थित है काशी का मनोरम तुलसी मानस मंदिर. इस मंदिर की सभी दीवारें रामचरितमानस की दोहे और चौपाइयां से सजी हैं.
 
कहा जाता है कि इस स्थान पर तुलसीदासजी ने रामचरितमानस की रचना की थी. यही कारण है कि इसे तुलसी मानस मंदिर कहा जाता है. यहां मधुर स्वर में संगीतमय रामचरितमानस संकीर्तन गुंजायमान रहता है.
 
यह भी पढ़ें : ये हैं भारत के पांच सबसे प्रसिद्ध, धनी और प्राचीन गणपति मंदिर...

स्थानीय निवासियों के अनुसार, पहले यहां एक छोटा मंदिर हुआ करता था. सन 1964 में कलकत्ता के एक व्यापारी सेठ रतनलाल सुरेका ने सफेद संगमरमर से एक भव्य मंदिर का निर्माण करवाया, जिसका उद्घाटन भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने किया था.
 
इस मन्दिर के बीच में भगवान श्रीराम, माता सीता, लक्ष्मणजी और हनुमानजी की नयनाभिराम प्रतिमाएं सुशोभित हैं. ये प्रतिमाएं चलायमान हैं. साथ ही यहां एक ओर माता अन्नपूर्णा और शिवजी तथा दूसरी तरफ भगवान सत्यनारायण का मन्दिर भी है.
 
इस मंदिर की दूसरी मंजिल पर स्वचालित श्रीराम और कृष्णलीला प्रदर्शित की गई है. इसी मंजिल पर तुलसीदासजी की प्रतिमा भी विराजमान है. काशी के भीड़-भाड़ भरे अन्य मंदिरों से अलग इस मंदिर का शांत वातावरण एक अलग प्रभाव डालता है.


Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com