हिंदू धर्म में पूजा, जागरण या कीर्तन करते समय तालियां बजाना अच्छा मना जाता है. कहीं भी भगवान का ध्यान करते हुए या उसे याद करते हुए शबद या सत्यसंग में तालियां बजा कर भजन गाए जाते हैं. कीर्तन मंडली वाले तो बार बार इस बात पर जोर देते हैं कि जब वे भगवान का भजन गा रहे हों, तो लोग साथ साथ में तालियां भी बजा रहे हों. वे बार बार भक्तों का स्मरण कराते हैं कि भगवान तभी आएंगे, जब भक्त की तालियों की गूंज उन तक पहुंचेगी.
लेकिन क्या आप जानते हैं हिंदू धर्म की एक मान्यता यह भी है कि भगवान शिव के मंदिर में ताली नहीं बजानी चाहिए. जी हां, कुछ विशेष समय पर शिव मंदिर में ताली बजाना वर्जित होता है. क्या है इसके कारण और मान्यताएं चलिए जानते हैं-
- कहते हैं कि कई बार शिव मंदिर में ताली बजाना खतरनाक साबित हो सकता है. इससे शिव को क्रोध भी आ सकता है.
- शिवलिंग के पास ताली बजाना शिव का अपमान समझा जाता है.
- कहते हैं कि शिवलिंग के पास तीन बार ताली नहीं बजानी चाहिए. इससे शिव का ध्यान भंग हो सकता है और वे क्रोध में आ सकते हैं.
- मान्यता है कि भगवान शिव ध्यान में मग्न रहते हैं. ऐसे में शिव मंदिर में जाकर शिवलिंग के ताली बजाना ठीक नहीं माना गया.
- ऐसा करने से उस व्यक्ति के गण रुष्ठ हो सकते हैं.
- कहते हैं कि शिवमंदिर में संध्यावंदन के समय ही ताली, घंटी या शंख बजाने चाहिए.