टीम इंडिया को वर्ल्डकप 2011 जिताने में बड़ी भूमिका निभाने वाले ज़हीर खान की 10 खास बातें...

टीम इंडिया को वर्ल्डकप 2011 जिताने में बड़ी भूमिका निभाने वाले ज़हीर खान की 10 खास बातें...

सचिन तेंदुलकर के साथ जहीर खान(फाइल फोटो)

नई दिल्ली: भारत के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 610 विकेट हासिल करने वाले ज़हीर खान ने गुरुवार को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी। भारत के चहेते खिलाड़ियों में शुमार किए जाते रहे ज़हीर के बारे में इस मौके पर जानते हैं, 10 खास बातें...

ज़हीर खान के बारे में 10 खास बातें...

  1. ज़हीर खान का जन्म 7 अक्टूबर, 1978 में श्रीरामपुर नाम के छोटे से गांव में हुआ, जो महाराष्ट्र में शिरडी से 40 किलोमीटर दूर है। उनके पिता एक फोटोग्राफर थे औ मां टीचर। ज़हीर पढ़ाई में अच्छे थे और उनका दाखिला मैकेनिकल इंजीनियरिंग में हो भी गया था, मगर अपने कोच सुधीर नायक के कहने पर उन्होंने क्रिकेट पर ध्यान देना बेहतर समझा।

  2. 17 साल की उम्र में ज़हीर मुंबई आए और नेशनल क्रिकेट क्लब की ओर से दो साल खेलते रहे। वह जल्द ही मुंबई की और वेस्ट ज़ोन की अंडर-19 टीम में शामिल कर लिए गए। इसके बाद जल्द ही उनका चयन MRF पेस अकादमी में हुआ, जहां उन्हें तेज़ गेंदबाज़ी के गुर सीखने को मिले। मगर ज़हीर का मुंबई से रणजी ट्रॉफी में खेलने का सपना पूरा नहीं हो पाया, क्योंकि मुंबई के चयनकर्ताओं ने उन्हें नज़रअंदाज़ किया। आखिरकार 1999-2000 में उन्होंने बड़ौदा की ओर से रणजी ट्रॉफी खेले और अपने पहले ही सत्र में तीसरे सबसे कामयाब गेंदबाज़ रहे। 2000-2001 में उन्होंने बड़ौदा को रणजी ट्रॉफी चैम्पियन भी बनाया।

  3. घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन के चलते ज़हीर खान को साल 2000 में ICC Knock-Out Trophy के लिए टीम इंडिया में शामिल किया गया। वैसे तो ज़हीर खान केन्या के खिलाफ पहले मैच में भी खेले, लेकिन उन्होंने अपनी छाप छोड़ी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरे मैच में, जब उन्होंने एडम गिलक्रिस्ट और स्टीव वॉ को आउट कर टीम इंडिया को जीत दिलाई।

  4. वर्ष 2003 के वन-डे क्रिकेट के विश्वकप में आशीष नेहरा और जवागल श्रीनाथ के साथ मिलकर ज़हीर ने भारत को फाइनल में पहुंचाया, लेकिन फाइनल मैच का पहला ओवर वह आज भी भुला नहीं पाए होंगे, जब उन्होंने 15 रन दे दिए थे। हालांकि 18 विकेट लेकर वह टूर्नामेंट के चौथे सबसे सफल गेंदबाज रहे।

  5. वर्ष 2005 से ज़हीर खान की फिटनेस उनका साथ छोड़ने लगी। उस समय श्रीसंत, आरपी सिंह और मुनाफ पटेल के आने से भी उनके लिए समस्याएं खड़ी होनी लगी थीं। इसी दौरान उन्हें C-ग्रेड कॉन्ट्रेक्ट दिया गया, लेकिन ज़हीर ने हार नहीं मानी और 2006 में इंग्लैंड में काउंटी खेलना शुरू किया, जहां उनका प्रदर्शन बेहद शानदार रहा और उन्होंने फिर अपनी फॉर्म और फिटनेस का लोहा मनवा लिया। जल्द ही उनकी भारतीय टीम में वापसी हुई और दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर अच्छे प्रदर्शन की वजह से उन्हें वर्ष 2007 विश्वकप टीम में भी जगह मिल गई।

  6. वर्ष 2007 में भारत इंग्लैंड के दौरे पर गया और 1986 के बाद पहली बार वहीं पर टेस्ट सीरीज़ जीती, जिसमें ज़हीर खान 'मैन ऑफ द सीरीज़' रहे थे, लेकिन साल 2010 तक वह कभी भी पूरी तरह फिट नहीं रहे और हमेशा चोटों से परेशान रहे।

  7. वर्ष 2011 के विश्वकप में ज़हीर खान टीम इंडिया की गेंदबाज़ी की कमान संभाले हुए थे और इस बार उन्होंने कोई चूक नहीं की। उन्होंने पूरे टूर्नामेंट में 21 विकेट चटकाए और भारत को 28 साल बाद विश्व चैम्पियन बनाने में बड़ी भूमिका निभाई।

  8. विश्वकप चैम्पियन बनने के बाद ज़हीर अपनी चोटों की वजह से टीम के अंदर-बाहर होते रहे। इस बीच, उन्होंने दिसंबर, 2013 में टेस्ट मैचों में 300 विकेट पूरे किए। कपिल देव के बाद यह कारनामा करने वाले वह देश के सिर्फ दूसरे तेज़ गेंदबाज़ थे।

  9. ज़हीर खान के नाम तीनों फॉरमैट में कुल मिलाकर 610 अंतरराष्ट्रीय विकेट हैं। ज़हीर ने दक्षिण अफ्रीका के कप्तान ग्रीम स्मिथ को उनके पूरे करियर में परेशान किया। उन्होंने 14 बार स्मिथ को आउट किया है।

  10. ज़हीर खान को क्रिकेट की दुनिया में 'ज़ैक' (ZaK) के नाम से जाना जाता है। उन्हें प्लेन में सफर करने से डर लगता है। जब वह पहली बार प्लेन में बैठे तो उन्होंने अपने कोच से कहा था, सर, आप मेरे साथ बैठ सकते हैं, मुझे प्लेन से बहुत डर लगता है।