आधार अधिनियम 2016 की 5 खास बातें, सुप्रीम कोर्ट में इसी एक्ट पर चल रहा था केस

सुप्रीम कोर्ट ने कुछ बदलावों के साथ आधार की संवैधानिकता को बरकरार रखा है. आइये जानते हैं आधार अधिनियम 2016 की खास बातें.

आधार अधिनियम 2016 की 5 खास बातें, सुप्रीम कोर्ट में इसी एक्ट पर चल रहा था केस

आधार कार्ड पर सुप्रीम कोर्ट ने आज ऐतिहासिक फैसला सुनाया है.

नई दिल्ली : आधार की अनिवार्यता (Aadhaar verdict) को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)  ने अपना अहम फैसला सुनाया. केंद्र के महत्वपूर्ण आधार कार्यक्रम और इससे जुड़े 2016 के कानून की संवैधानिक वैधता (Aadhaar constitutional validity) को चुनौती देने वाली कुछ याचिकाओं पर आज यानी बुधवार को सुप्रीम कोर्ट अपना महत्वपूर्ण फैसला सुनाने से पहले बहुमत का फैसला पढ़ते हुए यह माना कि आधार आम आदमी की पहचान है. सुप्रीम कोर्ट ने कुछ बदलावों के साथ आधार की संवैधानिकता को बरकरार रखा है. आइये जानते हैं आधार अधिनियम 2016 की खास बातें.

मामले से जुड़ी अहम जानकारियां :

  1. आधार एक्ट 2016 को सरकार ने 16 मार्च 2016 को मंजूरी दी थी. इसे मनी बिल के रूप में पेश किया गया था. मनी बिल के तहत राजस्व और खर्च से जुड़े हुए मामले आते हैं. इस पर अंतिम फैसला लोकसभा लेती है. ऐसे विधेयकों पर राज्य सभा में चर्चा तो हो सकती है लेकिन उस पर कोई वोटिंग नहीं होती है. 

  2. आधार एक्ट 2016 को  गुड गवर्नेंस के लिए जरूरी बताया गया है. आधार एक्ट 2016 कहता है कि UIDAI यानी यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया को महिलाओं, बच्चों, वरिष्ठ नागरिकों, शारीरिक रूप से अक्षम लोगों, अकुशल और असंगठित कामगारों को आधार नंबर जारी करने के लिए विशेष पहल करनी होगी 

  3. आधार एक्ट 2016 के मुताबिक इस पर आने वाला खर्च भारत सरकार के समेकित कोष से वहन किया जाएगा और इसका इस्तेमाल उन सभी लाभों के लिए किया जाएगा जो भारत की समेकित निधि से दिए जाते हैं. 

  4. एक्ट में कहा गया है कि इससे सरकारी सब्सिडी, सेवाओं और अन्य सुविधाओं में पारदर्शिता और तत्परता आएगी. एक्ट के मुताबिक केंद्र और राज्य सरकारें सेवा, सुविधा या सब्सिडी के वितरण के लिए आधार का इस्तेमाल कर सकती हैं. 

  5. आधार एक्ट 2016 की वजह से UIDAI (यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया) को संवैधानिक वैधता मिली. एक्ट में UIDAI की स्थापना व नियुक्तियों का भी प्रावधान है. एक्ट के मुताबिक संस्था में चेयरपर्सन (पूर्णकालिक या अस्थायी) तथा दो सदस्य (अस्थायी) होंगे.