सैलरी में से ज्यादा टीडीएस कट गया? परेशान न हों, ये 10 पॉइंट आपको करेंगे टेंशन फ्री

अधिक टैक्स कटने की वजह आपके द्वारा निवेश संबंधी जरुरी कागजात समय से जमा न करवाना हो सकती है।

सैलरी में से ज्यादा टीडीएस कट गया? परेशान न हों, ये 10 पॉइंट आपको करेंगे टेंशन फ्री

इनकम टैक्स : यदि आपको रिफंड लेना है तो इस गाइड को पढ़ें

नई दिल्ली: यदि आपकी कंपनी ने सैलरी से जो टीडीएस काटा है, वह जितना आपका टैक्स कटना चाहिए था, उससे अधिक है तो भी चिंता न करें। आप इस 'अधिक कटे हुए टीडीएस' को इनकम टैक्स विभाग से रिफंड के रूप में वापस ले सकते हैं। अधिक टैक्स कटने की वजह आपके द्वारा निवेश संबंधी जरुरी कागजात समय से जमा न करवाना हो सकती है।

आयकर विभाग से रिफंड लेने की प्रक्रिया में ये हैं महत्वपूर्ण बिन्दु :

  1. जब आप इनकम टैक्स रिटर्न भरेंगे तब भी यह स्पष्ट हो जाएगा कि आपका कितना टैक्स जरूरत से अधिक कट गया है। ऐसे में आपको अलग से इसके लिए कुछ करने की जरूरत नहीं है।

  2. वैसे तो अगर आपकी करयोग्य आय उस सीमा से कम है, जिस तक आयकर से छूट दी गई है, यानी 2,50,000 रुपये, तो आपको रिटर्न भरने की ज़रूरत ही नहीं है, लेकिन अगर आपका टैक्स, यानी टीडीएस कट गया है, और आप उस रकम को वापस पाना चाहते हैं, तो आपको रिटर्न फाइल करना पड़ेगा। इसी रिटर्न को फाइल करते वक्त आप उस निवेश की जानकारी भी दें, जो आपने वित्तवर्ष के दौरान किया।

  3. लेकिन, यहां इस बात का ध्यान रखें कि टैक्स रिफंड उस वित्तीय वर्ष के दो साल के भीतर क्लेम करना होगा जिसमें यह पैसा कटा है।

  4. टैक्सपैनर डॉट कॉम के को फाउंडर सुधीर कौशिक के मुताबिक, टैक्स रिफंड क्लेम करने से पहले आपको अपनी टैक्स क्रेडिट स्टेटमेंट या फॉर्म 26AS पर भी एक नजर डाल लेनी चाहिए। क्योंकि, यदि जरूरत से अधिक कटा हुआ टैक्स इस स्टेटमेंट में नहीं दिखाई दे रहा है तो आपको रिफंड नहीं मिलेगा। 26AS में आपके पैन नंबर को आधार बनाकर यह पेश किया जाता है कि फलां शख्स (यानी फलां पैन नंबर द्वारा) उस साल विशेष में कितना टैक्स चुकाया गया।

  5. आप अपना फॉर्म 26AS आयकर विभाग की वेबसाइट से चेक कर सकते हैं। इसके लिए यहां क्लिक करें और मांगी गई इन्फर्मेशन भरकर लॉग-इन करें।

  6. यदि आपके एंप्लॉयर ने टैक्स काट लिया है लेकिन वह आयकर विभाग तक नहीं पहुंचा है तो ऐसी स्थिति में यह कटा हुआ टैक्स फॉर्म 26AS में दर्ज हुआ दिखाई नहीं देगा।

  7. अशोक महेश्वरी ऐंड असोसिएट्स एलएलपी में पार्टनर अमित महेश्वरी के मुताबिक, यदि आप टैक्स फाइल करते हैं और इसमें कोई गड़बड़ी रह जाती है तब भी आपको रिफंड पाने में दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है और हो सकता है कि इसमें देरी हो जाए।

  8. यदि आयकर विभाग द्वारा आपको रिफंड दिया जाना है तो वह आपकी इस रकम पर प्रति माह के हिसाब से 0.50 ब्याज भी चुकाएगा। ब्याज का यह हिसाब अप्रैल के महीने से उस महीने तक लागू होगा जब तक कि आपको यह रिफंड चुका नहीं दिया जाता।

  9. कौशिक के मुताबिक, मगर आयकर विभाग द्वारा आपको रिफंड पर चुकाए जाने वाले ब्याज को लेकर एक अन्य बात गौर करने लायक है। यदि किसी कारण से आपको रिफंड मिलने में हो रही देरी के लिए आप खुद जिम्मेदार हैं, तो आयकर विभाग आपको कोई ब्याज नहीं देगा। जैसे कि, यदि आपने देरी से यानी अगस्त में रिटर्न फाइल किया है और आपका कोई रिफंड बनता है तो आपको अगस्त से ही रिटर्न पर ब्याज दिया जाएगा न कि अप्रैल से।

  10. आप अपना टैक्स रिफंड का स्टेटस आयकर विभाग की वेबसाइट पर चेक कर सकते हैं। इसके लिए यहां क्लिक करें।