TDP-वाईआरएस कांग्रेस के बाद माकपा और कांग्रेस आज मोदी सरकार के खिलाफ लाएंगे अविश्वास प्रस्ताव, 10 बातें

मोदी सरकार के चार साल के कार्यकाल में पहली बार है जब अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया गया है.

TDP-वाईआरएस कांग्रेस के बाद माकपा और कांग्रेस आज मोदी सरकार के खिलाफ लाएंगे अविश्वास प्रस्ताव, 10 बातें

संसद की फाइल फोटो

नई दिल्ली: मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने भी मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस लोकसभा महासचिव को भेज दिया है. वहीं कांग्रेस ने लोकसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का निर्णय किया है और इसे मंगलवार को पेश किया जाएगा. इसको लेकर पार्टी ने लोकसभा में अपने सांसदों को तीन पंक्तियों का व्हिप जारी कर उनकी उपस्थिति सुनिश्चित करने को कहा है. वहीं आंध्रप्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने सहित विभिन्न मुद्दों पर सदस्यों के हंगामे के कारण लगातार 15 दिनों से संसद की कार्यवाही नहीं चल पा रही है.

10 बातें

  1. कांग्रेस की तरफ से लोकसभा में अविश्‍वास प्रस्‍ताव मल्लिकार्जुन खड़गे पेश करेंगे. पार्टी ने बताया कि खड़गे इस बारे में विभिन्न दलों से सम्पर्क कर रहे हैं ताकि प्रस्ताव पर समर्थन जुटाया जा सके.

  2. इससे पहले टीडीपी और वाईएसआर कांग्रेस भी अविश्वास प्रस्ताव पेश कर चुकी हैं, किंतु सदन में गतिरोध कायम होने की वजह से उस पर कार्यवाही नहीं हो सकी है.

  3. लोकसभा में माकपा संसदीय दल के नेता पी करुणाकरन की ओर से लोकसभा महासचिव ने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस भेजा गया है. लोकसभा की कार्यवाही संचालन की प्रक्रिया संबंधी नियम 198 बी के तहत भेजे गये नोटिस में महासचिव से अविश्वास प्रस्ताव को सदन की 27 मार्च की संशोधित कार्यसूची में शामिल की मांग की है.

  4. माकपा के लोकसभा सदस्य मोहम्मद सलीम ने बताया कि उनके दल ने चार प्रमुख मुद्दों के हवाले से केन्द्रीय मंत्रिपरिषद के प्रति अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया है. सलीम ने बताया कि ये मुद्दे देश और जनता की आर्थिक आजादी पर हो रहे हमले, महिलाओं और कमजोर वर्गों के खिलाफ दमनकारी गतिविधियों के कारण देश के सामाजिक तानेबाने को छिन्न भिन्न करने, लोकतांत्रिक संस्थाओं और मूल्यों को तहस-नहस करने और देश की विदेश नीति को कमजोर करने से संबंधित है.

  5. पिछले 15 दिनों से संसद की कार्यवाही नहीं चल पा रही है. कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, भाकपा समेत विपक्षी दलों का आरोप है कि सरकार की पीएनबी धोखाधड़ी, अविश्वास प्रस्ताव समेत महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा कराने में कोई रूचि नहीं है और वह सदन को सुचारू रूप से चलाने का काम नहीं कर पा रही है.

  6. सरकार का कहना है कि वह अपने खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव सभी मुद्दों पर नियमों के तहत चर्चा कराने को तैयार है. संसदीय कार्य राज्य मंत्री विजय गोयल ने कहा कि हम अपने खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव सभी मुद्दों पर नियमों के तहत चर्चा कराने को तैयार हैं.

  7. कावेरी जल प्रबंधन बोर्ड के गठन की मांग और आंध्रप्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने सहित विभिन्न मुद्दों पर सदस्यों के हंगामे के कारण कार्यवाही नहीं चल पाने के कारण अविश्वास प्रस्ताव को आगे नहीं बढ़ाया जा सका. लोकसभाध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा है कि सदन में व्यवस्था नहीं होने के कारण अविश्वास प्रस्ताव को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता.

  8. वाईएसआर कांग्रेस ने कहा कि आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की उसकी मांग स्वीकार किए बिना संसद का बजट सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित होने के बाद उसके सांसद इस्तीफा देंगे. वाईएसआरसी संसदीय दल के नेता एम राजमोहन रेड्डी ने संवाददाताओं से कहा कि पार्टी प्रमुख वाई एस जगनमोहन रेड्डी की अध्यक्षता में गुंटुर जिला में हुई एक बैठक में यह फैसला लिया गया.

  9. लोकसभा में फिलहाल 536 सदस्य हैं. इसमें एनडीए के 328 सदस्यों में से टीडीपी के 16 सांसदों के अलग होने के बाद सत्तारूढ़ गठबंधन के सदस्यों की संख्या 312 रह गई है. अगर शिवेसना के 18 सदस्य मतदान के दौरान अनुपस्थित रहते हैं, तब भी मोदी सरकार को कोई खतरा नहीं है क्योंकि बीजेपी के सदस्यों की संख्या 272 के जादुई आंकड़े से अधिक है. इसके साथ ही उसे लोजपा के 6, रालोसपा के 3, अकाली दल के 4, जद यू के 2 और अपना दल के 2 सदस्यों का समर्थन प्राप्त है.

  10. मोदी सरकार के चार साल के कार्यकाल में पहली बार है जब अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया गया है.