GST सेस में बढ़ोतरी से SUV और लक्जरी कारें होंगी महंगी - 10 खास बातें

एसयूवी और बड़ी कारों पर सेस की दर बढ़ा दी गई है. बढ़ा हुआ सेस कब से प्रभावी होगा, इसका फैसला जीएसटी परिषद बाद में करेगी.

GST सेस में बढ़ोतरी से SUV और लक्जरी कारें होंगी महंगी - 10 खास बातें

प्रतीकात्मक चित्र

नई दिल्ली: एसयूवी, मध्यम आकार की और बड़ी एवं लक्जरी कारें अब महंगी हो जाएंगी. जीएसटी परिषद ने इन पर उपकर (सेस) की दर को मौजूदा 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. उल्लेखनीय है कि माल एवं सेवाकर (जीएसटी) के लागू होने के बाद इनकी कीमतें कम हो गई थीं.

मामले से जुड़ी अहम जानकारियां :

  1. जीएसटी के तहत कारों को उच्चतम दर 28 फीसदी टैक्स की श्रेणी में रखा गया है. इस वर्ग में वस्तुओं और सेवाओं पर 1-15 फीसदी तक का सेस भी लगाया गया है.

  2. ऐसा इसलिए किया गया है कि उससे प्राप्त आय के जरिए जीएसटी में राज्यों को राजस्व में होने वाले नुकसान की भरपाई की जा सके.

  3. अब एसयूवी और बड़ी कारों पर सेस की दर बढ़ा दी गई है. वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि जीएसटी के बाद कारों पर कुल टैक्स (जीएसटी और सेस मिलाकर) जीएसटी से पहले वाली व्यवस्था के मुकाबले कम हो गया था.

  4. जीएसटी परिषद ने 5 अगस्त को अपनी 20वीं बैठक में इस मसले विचार किया. परिषद ने केंद्र सरकार से सिफारिश की कि वह 8702 और 8703 शीर्षक के तहत आने वाले मोटर वाहनों पर अधिकतम उपकर मौजूदा 15 फीसदी से बढ़ाकर 25 प्रतिशत करने के लिए विधायी संशोधन करने का प्रस्ताव रख सकती है.

  5. बढ़ा हुआ सेस कब से प्रभावी होगा, इसका फैसला जीएसटी परिषद बाद में करेगी.

  6. सेस में बढ़ोतरी के लिए जीएसटी (राज्यों को राजस्व नुकसान पर मुआवजा) अधिनियम-2017 के धारा-8 में संशोधन की जरूरत होगी.

  7. 8702 और 8703 शीर्षकों के तहत आने वाले मोटर वाहनों में मध्यम श्रेणी, बड़ी कार, एसयूवी और 10 से ज्यादा, लेकिन 13 से कम लोगों के बैठाने की क्षमता वाले वाहन आते हैं.

  8. साथ ही 1500 सीसी से अधिक क्षमता के इंजन वाले हाइब्रिड वाहन तथा 1500 सीसी से कम इंजन के मध्यम दर्जे की हाइब्रिड कारें भी इसमें शामिल हैं.

  9. जीएसटी फिटमेंट समिति ने अपनी 25 जुलाई की बैठक में पाया कि इन कारों पर कुल टैक्स जीएसटी से पहले की व्यवस्था की तुलना में कम हो गया है. इस समिति पर ही टैक्स की दरों का आकलन करने की जिम्मेदारी है.

  10. जीएसटी से पहले इन कारों पर 52 प्रतिशत से 54.72% कर लगता था, जिसमें से 2.5% केंद्रीय बिक्री कर (सीएसटी) शमिल था. जीएसटी के बाद इन पर कुल टैक्स भार 43% रह गया था.

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