गुलबर्ग नरसंहार केस - 11 को उम्रकैद, एक को 10 साल, 12 को सात साल की कैद : ताजा अपडेट

गुलबर्ग नरसंहार केस - 11 को उम्रकैद, एक को 10 साल, 12 को सात साल की कैद : ताजा अपडेट

वर्ष 2002 के गुलबर्ग सोसायटी नरसंहार से जुड़े मामले में एसआईटी की विशेष अदालत ने शुक्रवार को कुल 24 में से 11 दोषियों को उम्रकैद की सज़ा सुनाई है, जबकि एक दोषी को 10 साल और शेष 11 दोषियों को सात-सात कैद की सज़ा दी गई है।

मामले से जुड़े ताजातरीन अपडेट

  1. एसआईटी की विशेष अदालत ने 2 जून को इस मामले में 24 आरोपियों को दोषी ठहराया था और 36 को बरी कर दिया था। नरसंहार कांड के कुल 66 में से पांच आरोपियों की मौत हो चुकी है, जबकि एक आरोपी लापता है।

  2. अभियोजन पक्ष ने शुक्रवार को हत्या के आरोप में दोषी करार दिए गए 11 लोगों के लिए फांसी की सजा की मांग की थी, जबकि बचाव पक्ष के वकीलों ने उनके लिए नरमी बरतने की मांग की। इस मामले पर बहस सोमवार को पूरी हो गई थी।

  3. दरअसल, 28 फरवरी, 2002 को हज़ारों लोगों की हिंसक भीड़ ने गुलबर्ग सोसायटी पर हमला किया था, और 69 लोगों को मार डाला था, जिनमें पूर्व कांग्रेस सांसद एहसान जाफ़री भी थे।

  4. गुलबर्ग सोसाइटी नरसंहार मामले में कोर्ट ने जिन लोगों को सबूतों के अभाव में बरी किया था, उनमें चार बार भारतीय जनता पार्टी के पार्षद रह चुके बिपिन पटेल भी शामिल हैं। कोर्ट ने सभी 66 आरोपियों के खिलाफ साजिश रचने का आरोप खारिज करते हुए कहा था कि इसके लिए कोई सबूत नहीं मिल पाया है।

  5. इसे नरसंहार में मारे गए लोगों के परिजनों के लिए झटका माना जा रहा है, जिनका कहना है कि सोसायटी पर हमला पूर्व-नियोजित था।

  6. 36 आरोपियों को बरी किए जाने के बाद एहसान जाफरी की पत्नी जकिया जाफरी ने अफसोस जताते हुए कहा था कि वह फैसले से संतुष्ट नहीं हैं, क्योंकि सिर्फ 11 लोगों को हत्या का दोषी करार दिया गया है। उन्होंने कहा कि वह आगे भी लड़ाई जारी रखेंगी।

  7. एहसान जाफरी की बहू दुरैया जाफरी ने कहा कि 36 लोगों को किस आधार पर छोड़ा गया, इस मुद्दे को लेकर वकीलों से बात करके फैसले को चुनौती दी जाएगी।

  8. मारे गए लोगों में से 39 लोगों के शव बरामद हुए थे और 30 लापता लोगों को सात साल बाद मृत मान लिया गया था।

  9. 77-वर्षीय ज़किया जाफरी इस मामले की वजह से 'न्याय की लड़ाई' की आइकन बन गईं। वह 14 साल से बीमारी के बावजूद लगातार अलग-अलग एजेंसियों में न्याय की लड़ाई लड़ती रही हैं।

  10. गुलबर्ग नरसंहार केस, वर्ष 2002 में गोधरा ट्रेन आगजनी कांड के बाद गुजरात में भड़के दंगों के दौरान हुए उन 10 बड़े मामलों में शामिल है, जिनकी जांच सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम ने दोबारा की थी।