क्रिश्चियन मिशेल के प्रत्यर्पण के लिए चला ऑपरेशन 'यूनिकॉर्न', NSA अजीत डोभाल संभाल रहे थे कमान, 10 खास बातें

क्रिश्चियन मिशेल जेम्स (Christian Michel) के प्रत्यर्पण को कूटनीतिक मोर्चे पर भारत की बड़ी जीत के तौर पर देखा जा रहा है. आइये आपको बताते हैं इस प्रत्यर्पण के पीछे की 10 खास बातें.

क्रिश्चियन मिशेल के प्रत्यर्पण के लिए चला ऑपरेशन 'यूनिकॉर्न', NSA अजीत डोभाल संभाल रहे थे कमान, 10 खास बातें

क्रिश्चियन मिशेल (Christian Michel) के प्रत्यर्पण के लिए चलाए गए अभियान का नाम 'यूनिकॉर्न' था.

नई दिल्ली : अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदे ( Agusta Westland chopper Case) में कथित बिचौलिये क्रिश्चियन मिशेल जेम्स (Christian Michel) को संयुक्त अरब अमीरात से प्रत्यर्पित करके मंगलवार देर रात भारत लाया गया. मिशेल को लेकर आ रहा गल्फस्ट्रीम का विमान रात दस बजकर 35 मिनट पर इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर उतरा. हालांकि अभी यह साफ पता नहीं चल पाया है कि मिशेल (Christian Michel) को अदालत में पेश करने से पहले रात में किसी सुरक्षित मकान में रखा जाएगा या सीबीआई के मुख्यालय में रखा जाएगा. आपको बता दें कि अधिकारियों की एक टीम मिशेल को लाने के लिए दुबई गई थी और प्रत्यर्पण की प्रक्रिया पूरी करने के बाद मिशेल को भारत वापस लाया गया. दुबई सरकार ने उसे प्रत्यर्पित करने की मंजूरी दे दी थी. इससे पहले इस कदम के खिलाफ की गई उसकी अपील को वहां की एक अदालत ने खारिज कर दिया था. बिचौलिये क्रिश्चियन मिशेल जेम्स (Christian Michel James) के प्रत्यर्पण को कूटनीतिक मोर्चे पर भारत की बड़ी जीत के तौर पर देखा जा रहा है. आइये आपको बताते हैं इस प्रत्यर्पण के पीछे की 10 खास बातें.

ऐसे हुआ क्रिश्चियन मिशेल का प्रत्यर्पण

  1. सीबीआई के मुताबिक अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदे में कथित बिचौलिये क्रिश्चियन मिशेल जेम्स को संयुक्त अरब अमीरात से प्रत्यर्पित करके मंगलवार देर रात भारत लाया गया. मिशेल को लेकर आ रहा गल्फस्ट्रीम का एक विमान रात दस बजकर 35 मिनट पर इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर उतरा. 

  2. सीबीआई प्रवक्ता ने बताया कि इस अभियान का कूट नाम ‘यूनिकॉर्न' था.  इस अभियान को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के दिशा-निर्देश में चलाया गया और इसका समन्वय सीबीआई के अंतरिम निदेशक एम नागेश्वर राव कर रहे हैं. 

  3. CBI प्रवक्ता के मुताबिक एजेंसी के संयुक्त निदेशक साई मनोहर के नेतृत्व में अधिकारियों की एक टीम मिशेल को लाने के लिए दुबई गई थी. वहां एजेंसी ने प्रत्यर्पण की प्रक्रिया पूरी की और उसके बाद मिशेल को लेकर भारत के लिए रवाना हुई. 

  4. कथित बिचौलिये क्रिश्चियन मिशेल जेम्स ने अपने प्रत्यर्पण के खिलाफ अदालत में अपील की थी, लेकिन अदालत ने इसे खारिज कर दिया था. इसके बाद दुबई सरकार ने क्रिश्चियन मिशेल को प्रत्यर्पित करने की मंजूरी दे दी थी. 

  5. सीबीआई प्रवक्ता अभिषेक दयाल ने बताया कि हेलीकॉप्टर घोटाले में अगस्ता वेस्टलैंड को ठेका दिलाने और भारतीय अधिकारियों को गैरकानूनी कमीशन या रिश्वत का भुगतान करने के लिए बिचौलिए के तौर पर मिशेल की संलिप्तता 2012 में सामने आई. अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले में नाम सामने आने के बाद मिशेल के खिलाफ जांच की जानी थी, लेकिन इस दौरान वह फरार हो गया और जांच में शामिल होने से बच रहा था.

  6. क्रिश्चियन मिशेल जेम्स के खिलाफ पिछले साल सितंबर में आरोपपत्र दायर किया गया था. मिशेल के फरार होने के बाद दिल्ली के पटियाला हाउस में सीबीआई मामलों के विशेष न्यायाधीश ने 24 सितंबर 2015 की तिथि वाला खुला गैर जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया. इस वारंट के आधार पर इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया, जिससे फरवरी 2017 में उसे दुबई में गिरफ्तार कर लिया गया. 

  7. 57 वर्षीय मिशेल दुबई में अपनी गिरफ्तारी के बाद से जेल में था और उसे यूएई में कानूनी और न्यायिक कार्यवाही के लंबित रहने तक हिरासत में भेज दिया गया था. दुबई कोर्ट ऑफ कैसेशन ने मिशेल के वकील की ओर से दायर दो आपत्तियों को खारिज कर दिया था. 

  8. आपको बता दें कि मिशेल पर आरोप है कि उसने सह-आरोपियों के साथ मिलकर आपराधिक षडयंत्र रचा. सह आरोपी में तत्कालीन वायुसेना प्रमुख एसपी त्यागी और उनके परिवार के सदस्य शामिल हैं. षड्यंत्र के तहत लोक सेवकों ने वीवीआईपी हेलीकॉप्टर की उड़ान भरने की ऊंचाई 6000 मीटर से घटाकर 4500 मीटर कर अपने सरकारी पद का दुरुपयोग किय. 

  9. भारत सरकार ने आठ फरवरी 2010 को रक्षा मंत्रालय के जरिए ब्रिटेन की अगस्ता वेस्टलैंड इंटरनेशनल लि़ को लगभग 55.62 करोड़ यूरो का ठेका दिया था. मिशेल अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर्स का ‘ऐतिहासिक परामर्शदाता'बताया जाता है, जिसे हेलीकॉप्टर, सैन्य अड्डों और पायलटों की तकनीकी संचालनात्मक जानकारी थी. 

  10. क्रिश्चियन मिशेल जेम्स 1980 के दशक से ही कंपनी के साथ काम कर रहा था और इससे पहले उसके पिता भी भारतीय क्षेत्र के लिए कंपनी के परामर्शदाता रह चुके थे. वह कथित तौर पर बार-बार भारत आता रहता था और भारतीय वायुसेना तथा रक्षा मंत्रालय में सेवानिवृत्त तथा मौजूदा अधिकारियों समेत विभिन्न स्तरों पर सूत्रों के एक बड़े नेटवर्क के जरिए रक्षा खरीद के लिए बिचौलिए के तौर पर काम कर रहा था