ISRO का 100वां सैटेलाइट लॉन्च, भारत को अब डिफेंस और कृषि क्षेत्र की मिलेगी तत्‍काल जानकारी, जानें 10 बातें

इसरो के वैज्ञानिक एएस किरण ने बताया कि पिछले पीएसएलवी लॉन्च के दौरान हमें समस्याएं हुईं थी और आज जो हुआ है उससे यह साबित होता है कि समस्या को ठीक से देखा गया और उसमें सुधार किया गया. देश को इस नए साल का उपहार देने के लिए शुभकामनाएं.

ISRO का 100वां सैटेलाइट लॉन्च, भारत को अब डिफेंस और कृषि क्षेत्र की मिलेगी तत्‍काल जानकारी, जानें 10 बातें

भारत को अब डिफेंस और कृषि क्षेत्र की मिलेगी तत्‍काल जानकारी

नई दिल्ली: आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अंतरिक्ष में सेंचुरी लगा दी है. थोड़ी देर पहले श्रीहरिकोटा से इसरो का 100वां सैटेलाइट लॉन्च हुआ. इसरो ने एक साथ 31 सैटेलाइट अंतरिक्ष में लॉन्‍च किए. PSLV C-40 अपने साथ सबसे भारी कार्टोसैट 2 सीरीज के उपग्रह के अलावा 30 दूसरी सैटलाइट भी अंतरिक्ष में ले गया है. इसमें एक भारतीय माइक्रो सैटेलाइट और एक नैनो सैटेलाइट के अलावा 28 छोटे विदेशी उपग्रह हैं. इसरो के वैज्ञानिक एएस किरण ने बताया कि पिछले पीएसएलवी लॉन्च के दौरान हमें समस्याएं हुईं थी और आज जो हुआ है उससे यह साबित होता है कि समस्या को ठीक से देखा गया और उसमें सुधार किया गया. देश को इस नए साल का उपहार देने के लिए शुभकामनाएं. आपको बता दें कि चार महीने पहले 31 अगस्त 2017 इसी तरह का एक प्रक्षेपास्त्र पृथ्वी की निम्न कक्षा में देश के आठवें नेविगेशन उपग्रह को वितरित करने में असफल रहा था. पीएसएलवी-सी40 वर्ष 2018 की पहली अंतरिक्ष परियोजना है.

ISRO के 100वें सैटेलाइट लॉन्च की 10 खास बातें

  1. PSLV C-40 अपने साथ 31 सैटेलाइट लेकर उड़ा, जिसमें कार्टोसैट-2 सीरीज़ के निगरानी सैटेलाइट के अलावा एक भारतीय माइक्रो सैटेलाइट और एक नैनो सैटेलाइट है. 

  2. 28 छोटे विदेशी सैटेलाइट भी अंतरिक्ष में भेजे गए, जिनमें अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, कनाडा, फिनलैंड और दक्षिण कोरिया के सैटेलाइट हैं, जिनमें अकेले अमेरिका के 19 सैटेलाइट हैं. 

  3. कार्टोसैट 2 सैटेलाइट सीरीज एक निगरानी उपग्रह है जिसकी मदद से अब डिफेंस और कृषि क्षेत्र की तत्‍काल जानकारी मिलेगी. इसका इस्‍तेमाल तटीय क्षेत्रों और शहरों की निगरानी के लिए इस्‍तेमाल किया जाएगा.

  4.  कार्टोसैट 2 सैटेलाइट सीरीज में हाईरेजुलेशन कैमरा लगा है जिससे खींची फोटो का इस्‍तेमाल किया जाएगा. ये लॉन्‍च चार स्‍तर पर है और अब तक तीन लॉन्‍च सफल रहे हैं. 

  5.  इसरो के एएस किरण ने बताया कि पिछले पीएसएलवी लॉन्च के दौरान हमें समस्याएं हुईं थी और आज जो हुआ है उससे यह साबित होता है कि समस्या को ठीक से देखा गया और उसमें सुधार किया गया. देश को इस नए साल का उपहार देने के लिए शुभकामनाएं. 

  6. पृथ्वी अवलोकन के लिए 710 किलोग्राम का काटरेसेट-2 सीरीज मिशन का प्राथमिक उपग्रह है. इसके साथ सह यात्री उपग्रह भी है जिसमें 100 किलोग्राम का माइक्रो और 10 किलोग्राम का नैनो उपग्रह भी शामिल हैं.

  7. चौथे चरण के पीएसएलवी-सी-40 की ऊंचाई 44.4 मीटर और वजन 320 टन होगा. पीएसएलवी के साथ 1332 किलो वजनी 31 उपग्रह एकीकृत किए गए हैं ताकि उन्हें प्रेक्षपण के बाद पृथ्वी की ऊपरी कक्षा में तैनात किया जा सके.

  8. 42वें मिशन के लिए इसरो भरोसेमंद कार्योपयोगी ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान पीएसएलवी-सी40 को भेजेगा जो कार्टोसेट-2 श्रृंखला के उपग्रह और 30 सह-यात्रियों, जिनका कुल वजन करीब 613 किलोग्राम है. 

  9. श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के पहले लॉन्च पैड से इस 44.4 मीटर लंबे रॉकेट को प्रक्षेपित किया जाएगा.सह-यात्री उपग्रहों में भारत का एक माइक्रो और एक नैनो उपग्रह शामिल है जबकि छह अन्य देशों - कनाडा, फिनलैंड, फ्रांस, कोरिया, ब्रिटेन और अमेरिका के तीन माइक्रो और 25 नैनो उपग्रह शामिल किए जा रहे हैं.

  10. इसरो और एंट्रिक्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड के बीच हुए व्यापारिक समझौतों के तहत इन 28 अंतरराष्ट्रीय उपग्रहों को प्रक्षेपित किया जाएगा. यह 100वां उपग्रह कार्टोसेट -2 श्रृंखला का तीसरा उपग्रह होगा. कुल 28 अंतर्राष्ट्रीय सह यात्री उपग्रहों में से 19 अमेरिका, पांच दक्षिण कोरिया और एक-एक कनाडा, फ्रांस, ब्रिटेन और फिनलैंड के हैं.

VIDEO: इसरो ने लगाया शतक, 31 सैटेलाइट अंतरिक्ष में भेजे