कमलनाथ के पास MP की कमान, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में अब भी पेंच फंसा, जानें सियासी घटनाक्रम की 10 बातें

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में मुख्यमंत्री के नाम पर जारी घमासान अब खत्म हो गया है और अब लोकसभा चुनाव 2019 से पहले अनुभव को तरजीह देते हुए कांग्रेस ने कमलनाथ को मुख्यमंत्री पद लिए चुना है

कमलनाथ के पास MP की कमान, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में अब भी पेंच फंसा, जानें सियासी घटनाक्रम की 10 बातें

कमलनाथ के हाथ एमपी की कमान

नई दिल्ली: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में मुख्यमंत्री के नाम पर जारी घमासान अब खत्म हो गया है और अब लोकसभा चुनाव 2019 से पहले अनुभव को तरजीह देते हुए कांग्रेस ने कमलनाथ को मुख्यमंत्री पद लिए चुना है. हालांकि, राजस्थान और छत्तीसगढ़ पर अब भी सस्पेंस बरकरार है. सबसे ज्यादा नजर लोगों की राजस्थान पर टिकी हैं, क्योंकि बताया जा रहा है कि सचिन पायलट अब भी मुख्यमंत्री के लिए अड़े हुए हैं. यही वजह है कि कांग्रेस अशोक गहलोत और सचिन पायलट में से किसी एक नाम पर अब तक नहीं पहुंच पाई है. राजस्थान में मुख्यमंत्री के नाम को लेकर सुबह से शुरू हुआ सियासी ड्रामा देर रात तक चला. मगर तब भी किसी एक नाम पर सहमति नहीं बनी. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राजस्थान और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्रियों पर फैसला शुक्रवार के लिए टाल दिया है क्योंकि वह इस विषय पर पार्टी नेताओं से और चर्चा करना चाहते हैं. सूत्रों के अनुसार गांधी ने छत्तीसगढ़ के नये मुख्यमंत्री पर फैसला करने के लिए गुरुवार को प्रदेश के पार्टी नेताओं से चर्चा की मगर दावेदारों से और चर्चा करने के लिए फैसला शुक्रवार के लिए टाल दिया. तो चलिए जानते हैं सियासी ड्रामे की अब तक की 10 बातें...

मामले से जुड़ी अहम जानकारियां :

  1. कांग्रेस ने पार्टी प्रमुख राहुल गांधी की वरिष्ठ पार्टी नेताओं के साथ घंटों तक चली कई दौर की बातचीत के बाद बृहस्पतिवार रात वरिष्ठ नेता कमलनाथ के नाम की घोषणा मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में की. कमलनाथ (72) देर रात भोपाल पहुंचे जहां हवाईअड्डे पर उनके समर्थकों ने ‘जय जय कमलनाथ' के नारे से उनका स्वागत किया. वहां से वह विधायक दल के नेता के चयन के वास्ते नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक के लिए सीधे पार्टी कार्यालय गये. 

  2. कांग्रेस की अगुवाई वाली पिछली सरकारों में केंद्रीय मंत्री रहे कमलनाथ मध्य प्रदेश में कांग्रेस द्वारा सत्तारुढ़ भाजपा के खिलाफ जीत दर्ज करने के समय से ही मुख्यमंत्री पद के शीर्ष दावेदार थे. राज्य में पिछले 15 साल से भाजपा सत्ता में थी. पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी मुख्यमंत्री पद की दौड़ में थे. कांग्रेस ने ट्वीट किया, ‘‘कमलनाथ के मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री निर्वाचित होने पर उन्हें हमारी शुभकामनाएं. उनकी कमान में राज्य में एक नये युग का सूत्रपात होने जा रहा है.'

  3. राजस्थान में अब भी सचिन पायलट और अशोक गहलोत के नाम पर सस्पेंस कायम है. देर रात तक राहुल गांधी से अशोक गहलोत के बीच हुई. संभव है कि आज राजस्थान के सीएम के नाम पर ऐलान हो सकता है. हालांकि, इससे पहले राहुल ने सचिन पायलट और अशोक गहलोत से काफी देर तक चर्चा की. 

  4. छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख भूपेश बघेल और चरणदास महंत भी शुक्रवार को दिल्‍ली जा रहे हैं. माना जा रहा है कि आज दिल्ली में ही इस पर फैसला हो सकता है कि आखिर छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी किसके हाथ में राज्य की कमान सौंपती है.

  5. सूत्रों की मानें तो पार्टी लीडरशीप अशोक गहलोत को राजस्थान का मुख्यमंत्री बनाना चाहती है. मगर सचिन पायलट मानने को तैयार नहीं हैं. दोनों नेताओँ की राहुल गांधी से वन टू वन मीटिंग हुई. यह मीटिंग देर रात भी हुई. लेकिन उम्मीद की जा रही है कि आज यानी शुक्रवार को कांग्रसे पार्टी फैसला ले लेगी का आखिर किसे राजस्थान का मुख्यमंत्री चुना जाएगा. 

  6. राजस्थान के लिए पार्टी ऑबजर्वर केसी वेनुगोपाल ने कहा कि नेतृत्व पर फैसला लेना इतना आसान हीं है. मगर शुक्रवार को मुख्यमंत्री के नाम पर घोषणा हो जाएगी. उन्होंने कहा कि सीएम को लेकर फैसला लेना इतना आसान काम नहीं है. फाइनल निर्णय शुक्रवार को करीब 10 बजे की मीटिंग के बाद होगा. 

  7. हालांकि, बताया जा रहा है कि समर्थकों की मांग है कि  सचिन पायलट को राजस्थान का सीएम बनाया जाए. इसके लिए समर्थक कई जगह नारेबाजी करते भी दिखे. इसी की वजह से सचिन पायलट को ट्वीट कर शांति बनाए रखने की अपील करनी पड़ी. 

  8. छत्तीसगढ़ के लिए पर्यवेक्षक बनाए गए मल्लिकार्जुन खड़गे और प्रभारी पीएल पुनिया ने भी राहुल से मुलाकात की. सूत्रों का कहना है कि ये दोनों नेता शुक्रवार को एक बार फिर गांधी के साथ बैठक कर सकते हैं. भूपेश बघेल, टी एस सिंह देव, ताम्रध्वज साहू और चरणदास महंत मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल माने जा रहे हैं. 

  9. माना जा रहा है कि सोनिया गांधी ने राहुल गांधी को 'अनुभव' पर भरोसा करने के लिए कहा है, क्योंकि यहां जीत काफी कम अंतर से मिली है और एक मंजा हुआ राजनेता ही उस स्थिति से अच्छी तरह निपट सकता है.

  10. मध्य प्रदेश में कांग्रेस को 114 सीटें मिली हैं. यहां सपा-बसपा और निर्दलीयों ने समर्थन का ऐलान किया है. राजस्थान में कांग्रेस के पास 99 सीटें हैं, बसपा ने भी उसे समर्थन का ऐलान किया है. छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को 90 में से 67 सीटें मिली हैं.