मोदी सरकार की पहली 'अग्नि परीक्षा': अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के लिए BJP को 3.30 घंटे, कांग्रेस को 38 मिनट का समय, 10 बातें

आज अविश्‍वास प्रस्‍ताव पर चर्चा के दौरान ना तो प्रश्नकाल होगा, ना ही लंच ब्रेक होगा. यहां तक कि शुक्रवार को होने वाला निजी विधेयक का समय भी अगले सप्ताह तक के लिए टाल दिया गया है. 11 से लगातार 6 बजे तक होगा भाषणों का दौर चलेगा.

मोदी सरकार की पहली 'अग्नि परीक्षा': अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के लिए BJP को 3.30 घंटे, कांग्रेस को 38 मिनट का समय, 10 बातें

फाइल फोटो

नई दिल्ली: 2019 लोकसभा चुनाव से पहले आज मोदी सरकार की अग्निपरीक्षा है. सरकार के ख़िलाफ़ विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर आज लोकसभा में बहस होगी. सुबह 11 बजे से शाम 6 बजे तक यानी सात घंटे अविश्वास प्रस्ताव पर बहस चलेगी. बहस का जवाब प्रधानमंत्री देंगे. इस दौरान लोकसभा में दूसरा कोई और काम नहीं होगा. 545 सदस्यों की लोक सभा में अभी दस सीटें खाली हैं. इसलिए बहुमत का आंकड़ा 268 का है.

10 बातें

  1. सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने वाला मुख्य दल तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) आज लोकसभा में इस पर चर्चा की शुरुआत करेगा और अध्यक्ष ने उसे बोलने के लिए 13 मिनट का समय दिया है. पार्टी की ओर से जयदेव गल्ला पहले वक्ता होंगे. 

  2. मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस को प्रस्ताव पर अपने विचार रखने के लिए 38 मिनट का समय दिया गया है. कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी और सदन में पार्टी के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे इस पर बोल सकते हैं.

  3.  अन्य विपक्षी दल अन्नाद्रमुक , तृणमूल कांग्रेस , बीजू जनता दल (बीजद), तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) को क्रमश: 29 मिनट , 27 मिनट , 15 मिनट और नौ मिनट का समय दिया गया है. 

  4. सदन में बहुमत वाली सत्तारूढ़ बीजेपी को चर्चा में तीन घंटे और 33 मिनट का समय दिया गया है. संसद में बीजेपी को ओर से चर्चा की शुरुआत राकेश सिंह करेंगे और सरकार की तरफ से अंत में पीएम मोदी लोकसभा में बोलेंगे.आज अविश्‍वास प्रस्‍ताव पर चर्चा के दौरान ना तो प्रश्नकाल होगा, ना ही लंच ब्रेक होगा. यहां तक कि शुक्रवार को होने वाला निजी विधेयक का समय भी अगले सप्ताह तक के लिए टाल दिया गया है. 11 से लगातार 6 बजे तक होगा भाषणों का दौर चलेगा. 

  5. अभी लोक सभा में स्पीकर को छोड़ कर 533 सदस्य हैं और 11 सीटें खाली हैं. एनडीए के पास 312 सांसद हैं जो बहुमत के आंकड़े 267 से काफी ज्यादा है. बीजेपी की कोशिश एआईएडीएमके और टीआरएस के 48 सासंदों से अपने पक्ष में वोट डलवा कर देश के सामने एनडीए की बढ़ी ताकत दिखाने की है. ऐसे में एनडीए प्लस को 360 वोट मिल सकते हैं. वो यह साबित करना चाहती है कि चुनावी साल में उससे सहयोगी दल छिटक नहीं रहे बल्कि नए सहयोगी दल मिल रहे हैं. 

  6. दूसरी तरफ़ विपक्ष बीजेपी और एनडीए के भीतर के अंतर्विरोध देश के सामने रखना चाहता है. कांग्रेस की ओर से हमले की कमान राहुल गांधी संभालेंगे. वे बेरोजगारी, महंगाई, सांप्रदायिक तनाव, गोरक्षा के नाम पर गुंडागदच्, विदेश नीति और जम्मू-कश्मीर में नीतियों की नाकामी को लेकर मोदी सरकार पर हमला करेंगे. मुसलमानों और दलितों के खिलाफ अत्याचार में बढोत्तरी को लेकर सरकार को आड़े हाथों लिया जाएगा. कांग्रेस की कोशिश बीजेपी के दलित सांसदों की नाराजगी को हवा देकर बीजेपी को दलित विरोधी साबित करने की भी है.

  7. सरकार को अपने सहयोगी और बाग़ी नेताओं का भी साथ मिल रहा है. हाल के दिनों में मोदी सरकार को आंख दिखानेवाली शिवसेना ने सरकार का साथ देने का एलान किया है. वहीं जिन दो सांसदों-शत्रुघ्न सिन्हा और सावित्री बाई फुले से विरोध का अंदेशा था, वे शाम होते-होते समर्थन का एलान कर बैठे.

  8. नंबर गेम भले ही सरकार के साथ हो लेकिन बीजेपी विपक्ष की रणनीति को मात देने में कोई क़सर बाक़ी नहीं छोड़ना चाहती. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने गुरुवार को संसद में बैठक की. जहां AIADMK के सांसद पी वेणुगोपाल भी पहुंचे, जिससे कयास लगाए जा रहे हैं कि AIADMK सरकार के पक्ष में वोट करेगी. टीआरएस गैरहाज़िर रह कर सरकार का साथ दे सकती है, वहीं बीजेडी आज अपना रुख़ साफ़ करेगी. 

  9. बैंकों से क़र्ज़ लेकर विदेश भागनेवालों पर नकेल कसने वाला भगोड़ा आर्थिक अपराध बिल 2018 गुरुवार को लोकसभा में पास हो गया. वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने बिल पेश किया और ध्वनिमत से पास हो गया. बिल में धोखाधड़ी और क़र्ज़ लेकर विदेश भागने वाले आर्थिक अपराधियों की संपत्ति ज़ब्त करने का अधिकार संबंधित एजेंसियों को देने का प्रावधान किया गया है.

  10. आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने अपने सांसदों से कहा कि उनकी पार्टी टीडीपी द्वारा केंद्र सरकार के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव आंध्र प्रदेश के पांच करोड़ लोगों के लिए ‘प्रतिष्ठा का मुद्दा’ है. टीडीपी सूत्रों ने बताया कि नायडू ने विपक्षी दलों के सांसदों को नए सिरे से पत्र भी लिखा और अविश्वास मत पर समर्थन मांगा. नायडू ने टेली कॉन्फ्रेंस के जरिए अपने सांसदों से कहा, ‘यह एक ऐतिहासिक अवसर है , एक प्रेरणात्मक अवसर है.



(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)