आज आ सकता है मोदी सरकार के खिलाफ पहला अविश्वास प्रस्ताव, 10 बड़ी बातें

जब शुक्रवार को नोटिस पेश किया गया था तो लोकसभा अध्यक्ष ने कहा था कि सदन में इस समय 'अव्यवस्था' (कार्यवाही में गतिरोध) है इसलिए इसको स्वीकार नहीं किया जा रहा है.

आज आ सकता है मोदी सरकार के खिलाफ पहला अविश्वास प्रस्ताव, 10 बड़ी बातें

पीएम मोदी ( फाइल फोटो )

नई दिल्ली: आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने की मांग को लेकर राज्य की सत्ता में काबिज टीडीपी और विपक्षी दल वाईएसआर कांग्रेस के बीच होड़ चल रही है. वाईएसआर कांग्रेस ने पहले केंद्र सरकार के खिलाफ लाने का ऐलान किया तो एनडीए सरकार से रिश्ता तोड़ने के बाद टीडीपी ने भी अविश्वास प्रस्ताव लाने का ऐलान किया है. आज दोनों पार्टियों की ओर से लोकसभा में एक बार फिर से नोटिस पेश किया जाएगा. लेकिन यह लोकसभा स्पीकर तय करेंगी कि उसको स्वीकार करना है या नहीं क्योंकि जब शुक्रवार को नोटिस पेश किया गया था तो लोकसभा अध्यक्ष ने कहा था कि सदन में इस समय 'अव्यवस्था' (कार्यवाही में गतिरोध) है इसलिए इसको स्वीकार नहीं किया जा रहा है.

10 बड़ी बातें

  1. लोकसभा में आज वाईएसआर कांग्रेस और तेलगु देशम पार्टी मोदी सरकार के खिलाफ अपना अविश्वास प्रस्ताव लाने पर जोर देगी लेकिन संसद की कार्यवाही में गतिरोध दूर होने का कोई संकेत नजर नहीं आ रहा.

  2. केंद्र की ओर से आंध्रप्रदेश को विशष दर्जा दिए जाने से इंकार के बाद सबसे पहले वाईएसआर कांग्रेस ने पिछले सप्ताह अविश्वास प्रस्ताव लाने का नोटिस दिया था. 

  3. मुद्दे पर भाजपा की लंबे समय से सहयोगी रही तेदेपा ने इसके बाद सरकार से अपना नाता तोड़ने का फैसला किया और खुद ही अविश्वास प्रस्ताव लायी. 

  4. पिछले सप्ताह नोटिस नहीं लिए जाने पर संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने दलील दी थी कि सदन में आसन के पास जाकर कई दलों के सदस्यों की नारेबाजी के कारण सदन में व्यवस्था नहीं बन पाने के कारण ऐसा नहीं हो पाया. 

  5. विधायी कार्यों पर सरकार के साथ अक्सर सहयोग करने वाली तेलंगाना राष्ट्र समिति और अन्नाद्रमुक कई मुद्दों पर विरोध कर रही है इसलिए इस पर अनिश्चितता ही है कि आज व्यवस्था बन पाएगी. 

  6. दोनों पार्टियां अपने- अपने नोटिसों पर समर्थन जुटाने के लिए विपक्षी दलों को लामबंद कर रही हैं. अविश्वास प्रस्ताव नोटिस के लिए सदन में कम से कम 50 सदस्यों का समर्थन चाहिए.

  7. सरकार ने भरोसा जताया है कि नोटिस स्वीकारकर लिये जाने पर भी लोकसभा में उसकी संख्या बल के कारण प्रस्ताव औंधे मुंह गिर जाएगा. 

  8. लोकसभा में मौजूदा सदस्यों की संख्या 539 है और सत्तारूढ़ भाजपा के 274 सदस्य हैं. यह बहुमत से अधिक है और पार्टी को कई घटक दलों का समर्थन भी है. 

  9. अगर शिवसेना भी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर वोट करती है तो भी मोदी सरकार पर कोई असर पड़ने वाला नहीं है.

  10. बजट सत्र के अंतिम चरण का पहला दो हफ्ता बीत चुका है हालांकि सरकार कई महत्वपूर्ण विधेयक लाने और बिना चर्चा के ध्वनिमत के जरिए बजट पारित कराने में कामयाब रही. 


इनपुट : भाषा से भी