'आज नेताजी होते तो देखते कि भारत इस बड़ी महामारी से इतनी ताकत से लड़ा' - PM मोदी के भाषण की 10 खास बातें

नेताजी सुभाष चंद्र बोस (Netaji Subhas Chandra Bose) की 125वीं जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamta Banerjee) ने आज कोलकाता में अलग-अलग कार्यक्रम किए.

'आज नेताजी होते तो देखते कि भारत इस बड़ी महामारी से इतनी ताकत से लड़ा' - PM मोदी के भाषण की 10 खास बातें

PM Modi in Kolkata : नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर पीएम मोदी का भाषण

कोलकाता: नेताजी सुभाष चंद्र बोस (Netaji Subhas Chandra Bose) की 125वीं जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamta Banerjee) ने आज कोलकाता में अलग-अलग कार्यक्रम किए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ''आज नेताजी होते और देखते कि राफेल विमान लाने के साथ तेजस विमान भारत खुद बना रहा है. उनका भारत इतनी बड़ी महामारी से इतनी ताकत से लड़ा है. कैसे वैक्सीन बनाकर अपनों के साथ दूसरे देशों की भी मदद कर रहा है. एलएसी से लेकर एलओसी तक जहां कहीं से भी भारत की संप्रभुता को चुनौती दी गई, वहां भारत मुंहतोड़ जवाब दे रहा है.''

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 10 खास बातें -

  1. पीएम मोदी ने कहा, ''आज कोलकाता में आना मेरे लिए बहुत भावुक कर देने वाला क्षण है. बचपन से जब भी नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी का नाम सुना, मैं किसी भी स्थिति-परिस्थिति में रहा, इस नाम से एक नई ऊर्जा से भर गया.''

  2. प्रधानमंत्री ने कहा, ''आज के ही दिन मां भारती की गोद में उस वीर सपूत ने जन्म लिया था, जिसने आजाद भारत के सपने को नई दिशा दी थी. आज के ही दिन ग़ुलामी के अंधेरे में वो चेतना फूटी थी, जिसने दुनिया की सबसे बड़ी सत्ता के सामने खड़े होकर कहा था, मैं तुमसे आजादी मांगूंगा नहीं, छीन लूंगा.''

  3. उन्होंने कहा, ''मैं नेता जी की 125वीं जयंती पर कृतज्ञ राष्ट्र की ओर से उन्हें नमन करता हूं. मैं आज बालक सुभाष को नेताजी बनाने वाली, उनके जीवन को तप, त्याग और तितिक्षा से गढ़ने वाली बंगाल की इस पुण्यभूमि को भी नमन करता हूं.''

  4. PM मोदी ने कहा, ''इतनी दूर की दृष्टि की वहां तक देखने के लिए अनेकों जन्म लेने पड़ जाएं. विकट से विकट परिस्थिति में भी इतना बड़ा हौसला, साहस कि दुनिया की बड़ी से बड़ी चुनौती ठहर न पाए. मैं आज नेताजी के चरणों में अपना शीश नवाता हूं.''

  5. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ''मैंने अनुभव किया है कि नेताजी का नाम सुनते ही हर कोई कितनी ऊर्जा से भर जाता है. नेताजी के जीवनकी ऊर्जा जैसे उनके अंतर्मन से जुड़ गई है. उनकी ऊर्जा, आदर्श, तपस्या, त्याग देश के हर युवा के लिए बहुत बड़ी प्रेरणा है.''

  6. पीएम मोदी ने कहा, ''गुरु रबींद्र नाथ टैगोर, रामकृष्ण परमहंस, अरबिंदो, मां शारदा, स्वामी विवेकानंद ने देश को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया. ईश्वर चंद्र विद्यासागर, राजा राम मोहन राय जैसे सामाजिक सुधारकों ने भी यहां जन्म लिया और देश में नए सुधारों की नींव भरी. जेसी बोस, बीसी रॉय जैसे वैज्ञानिकों ने इस भूमि को ज्ञान-विज्ञान से सींचा है. इसी भूमि ने देश को राष्ट्र गान और राष्ट्रीय गीत भी दिया है. इसी भूमि ने चितरंजन बसु, प्रणब मुखर्जी जैसी शख्सियतों को भी जन्म दिया है.''

  7. प्रधानमंत्री बोले, ''आज जब भारत नेताजी की प्रेरणा से आगे बढ़ रहा है तो हम सभी का कर्तव्य है कि उनके योगदान को पीढ़ी दर पीढ़ी याद किया जाए. इसलिए देश ने ये तय किया है कि अब हर वर्ष हम नेताजी की जयंती, यानी 23 जनवरी को ‘पराक्रम दिवस' के रूप में मनाया करेंगे.''

  8. उन्होंने कहा, ''उनके जैसे फौलादी इरादों वाले व्यक्तित्व के लिए असंभव कुछ नहीं था. उन्होंने विदेश में जाकर देश से बाहर रहने वाले भारतीयों की चेतना को झकझोरा. उन्होंने पूरे देश से हर जाति, पंथ, हर क्षेत्र के लोगों को देश का सैनिक बनाया. नेताजी ने संकल्प था भारत की जमीन पर आजाद भारत की आजाद सरकार की नींव रखेंगे. नेताजी ने अपना ये वादा भी पूरा करके दिखाया. उन्होंने अंडमान में अपने सैनिकों के साथ आकर तिरंगा फहराया.''

  9. PM मोदी ने कहा, ''आज जब इस वर्ष देश अपनी आजादी के 75 वर्ष में प्रवेश करने वाला है, जब देश आत्मनिर्भर भारत के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है, तब नेताजी का जीवन, उनका हर कार्य, उनका हर फैसला, हम सभी के लिए बहुत बड़ी प्रेरणा है.''

  10. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ''2018 में ही देश ने आज़ाद हिन्द सरकार के 75 साल को भी उतने ही धूमधाम से मनाया था. नेताजी ने "दिल्ली दूर नहीं" का नारा देकर लाल किले पर झंडा फैहराने का सपना देखा था, देश ने वो सपना पूरा किया. जब आजाद हिंद फौज की कैप में मैंने लाल किले पर झंडा फहराया था, उस वक्त मेरे मन मस्तिष्क में बहुत कुछ चल रहा था. बहुत से सवाल थे, बहुत सी बातें थीं, एक अलग अनुभूति थी. मैं नेताजी के बारे में सोच रहा था, देशवासियों के बारे में सोच रहा था.''