बागपत में मोदी की रैली पर आरएलडी ने जताई आपत्ति, कैराना उपचुनाव से जुड़ी 11 बड़ी बातें

ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे का उद्घाटन के बाद पीएम मोदी बागपत में एक रैली भी की. राष्ट्रीय लोकदल ने इस पर चुनाव आयोग से आपत्ति जताई है.

बागपत में मोदी की रैली पर आरएलडी ने जताई आपत्ति, कैराना उपचुनाव से जुड़ी 11 बड़ी बातें

दिल्ली- मेरठ हाइवे का उद्घाटन करने के बाद पीएम मोदी ने खुली जीप में बैठकर रोड शो किया है.

नई दिल्ली: कैराना लोकसभा सीट पर सोमवार को होने वाले उपचुनाव से पहले प्रशासन ने स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए सुरक्षा कड़ी कर दी है और अन्य कदम उठाए हैं. पुलिस अधिकारी ने बताया कि जिला अधिकारियों ने निर्वाचन क्षेत्र को 14 जोनों और 143 सेक्टरों में विभाजित किया है. उन्होंने बताया कि चुनाव के लिए केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों की 51 कंपनियों को तैनात किया जाएगा. उनमें से 26 को शामली जिले में और 25 को सहारनपुर जिले में तैनात किया जाएगा. कैराना लोकसभा सीट में पांच विधानसभा क्षेत्र आते हैं जिनमें नकुड़, गंगोह, कैराना, थाना भवन और शामली शामिल हैं. अधिकारियों ने बताया कि चुनाव से पहले कैराना की सीमा को सील कर दिया जाएगा. नूरपुर विधानसभा क्षेत्र में भी सोमवार को ही उपचुनाव के लिए मतदान होगा.

कैराना चुनाव से जुड़ी 10 बड़ी बातें

  1. ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे   का उद्घाटन के बाद पीएम मोदी बागपत में एक रैली भी की. राष्ट्रीय लोकदल ने इस पर चुनाव आयोग से आपत्ति जताई है. पार्टी का कहना है यह कैराना चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश है. आरएलडी ने मामले की शिकायत चुनाव आयोग से की है. 

  2. आरएलडी के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल दुबे ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी को पत्र लिखकर इसकी शिकायत की है. उन्होंने शिकायत पत्र में लिखा, 'प्रधानमंत्री का यह कार्यक्रम अपरोक्ष रूप से कैराना चुनाव को प्रभावित करने की दृष्टि से रखा गया है. इसके लिए भाजपा ने अभी से ही कैराना लोकसभा क्षेत्र के गावों में प्रधानमंत्री की रैली के लिए भारी संख्या में लोगों को बागपत पहुंचने का आह्वान शुरू कर दिया.

  3. अनिल दुबे ने पत्र में आशंका जताई कि हो सके प्रधानमंत्री जी इस दौरान कुछ घोषणाएं कर दें, जो कैराना लोकसभा से संबंधित हो सकती हैं. ऐसे में कैराना उपचुनाव प्रभावित हो सकता है. इसलिए पीएम के कार्यक्रम को 28 मई तक रोक लगाने की कृपा करें.

  4. भाजपा सांसद हुकुम सिंह के निधन के बाद कैराना लोकसभा सीट पर उपचुनाव हो रहा है. भाजपा ने उनकी बेटी मृगांका सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है. वह राष्ट्रीय लोक दल की प्रत्याशी तबस्सुम हसन के खिलाफ मैदान में है. तबस्सुम को कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी, आम आदमी पार्टी का समर्थन है. 

  5. कैराना उपचुनाव को लेकर जारी किये गये फतवा की खबरों को लेकर दारुल उलूम देवबंद ने इनकार किया है. एक पत्र जारी करके दारुल उलूम देवबंद की ओर से कहा गया है कि वो किसी भी तरह के राजनैतिक मामलों में दखल नहीं देता है. दारुल उलूम ने किसी भी पार्टी को लेकर कोई फतवा या बयान जारी नहीं किया है.

  6. कैराना लोकसभा उपचुनाव से पहले ही भारतीय जनता पार्टी के एक सांसद मुसीबत में फंस गये हैं. भाजपा सांसद कांता करदम के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन का मामला दर्ज किया गया है. सांसद पर मंगलवार को अपने भाषण में धार्मिक भावनाएं भड़काने वाली टिप्पणी करने का आरोप है.

  7. उत्तर प्रदेश के कैराना लोकसभा उपचुनाव में लोकदल के प्रत्याशी कंवर हसन ने राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) को समर्थन देने का ऐलान किया है और वह अजित सिंह की पार्टी में शामिल हो गये. रालोद प्रत्याशी तबस्सुम हसन के सामने उनके देवर कंवर हसन लोकदल के प्रत्याशी के रूप में उतरे थे. लेकिन अब वह रालोद प्रत्याशी के समर्थन में आ गये हैं.

  8. साझा विपक्ष की मदद की लड़ रही उम्मीदवार तबस्सुम बेगम पूर्व बीएसपी सांसद की पत्नी हैं और सपा से जुड़ी हैं. लेकिन वो राष्ट्रीय लोकदल के टिकट पर लड़ रही हैं. उन्हें समर्थन देने के लिये बीएसपी और कांग्रेस ने अफने उम्मीदवार मैदान में नहीं उतारे हैं. 

  9. कैराना में कुल 17 लाख वोटर हैं.  जिसमें मुस्लिमों की संख्या 5 लाख है और जाटों की संख्या 2 लाख है वहीं, दलितों की संख्या 2 लाख है और ओबीसी की संख्या दो लाख है, जिनमें गूजर, कश्यप और प्रजापति शामिल हैं.  

  10. योजना लोकदल के पारंपरिक जाट वोटों के साथ ही मुस्लिम वोटों को अपने साथ लेने की है. दूसरी पार्टियों के वोट बैंक के सहारे तब्बसुम की जीत की उम्मीदद विपक्ष कर रहा है. लेकिन शामली और मुज़फ्फरनगर की हाल की हिंसा के बाद क्या जाट वोटर एक मुस्लिम उम्मीदवार को वोट देंगे. ये देखने वाली बात होगी. 

  11. बीजेपी को पता है कि ये लड़ाई आसान नहीं है. यही वजह है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को यहां बीजेपी की उम्मीदवार मृगंका सिंह के लिए अपनी पहली चुनावी रैली की. योगी आदित्यनाथ के चुनाव क्षेत्र गोरखपुर और उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या के फूलपुर में बीजेपी की हार के बाद कैराना का चुनाव बीजेपी के लिये बहुत ही अहम हो गया है.