याकूब मेमन-निर्भया गैंगरेप के दोषियों को फांसी, सिनेमाघरों में राष्ट्रगान का फैसला दे चुके हैं मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, 10 खास बातें

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के बाद वरिष्ठतम न्यायाधीश जस्टिस जे. चेलामेश्‍वर, जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस मदन लोकुर और जस्टिस कुरियन ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सुप्रीम कोर्ट प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठाए और साथ ही लोकतंत्र पर खतरा बताया था. इसके बाद खबर आई कि मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा भी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सकते हैं.

याकूब मेमन-निर्भया गैंगरेप के दोषियों को फांसी, सिनेमाघरों में राष्ट्रगान का फैसला दे चुके हैं मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, 10 खास बातें

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा (फाइल फोटो )

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के किसी भी मुख्य न्यायाधीश को शायद पहली बार ऐसे हालत का सामना करना पड़ रहा होगा जैसा वर्तमान मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा कर रहे हैं. उनके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के ही चार जजों ने मोर्चा खोल दिया है. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के बाद वरिष्ठतम न्यायाधीश जस्टिस जे. चेलामेश्‍वर, जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस मदन लोकुर और जस्टिस कुरियन ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सुप्रीम कोर्ट प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठाए और साथ ही लोकतंत्र पर खतरा बताया था. इसके बाद खबर आई कि मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा भी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सकते हैं लेकिन अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने उनसे मुलाकात करने के बाद कहा कि उम्मीद करते हैं कि मुख्य न्यायाधीश मीडिया से बात नहीं करेंगे.

जस्टिस दीपक मिश्रा से जुड़ीं 10 खास बातें

  1. जस्टिस दीपक मिश्रा  का जन्म 3 अक्टूबर 1953 का को हुआ था. 14 फरवरी को 1977 को उन्होंने उड़ीसा हाईकोर्ट में प्रैक्टिस शुरू कर दी. 

  2. 1996 में वह हाईकोर्ट के एडिशनल जज बने और वहां से उनका ट्रांसफर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट कर दिया गया. साल 2009 में उन्हें पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की जिम्मेदारी दी गई.

  3. 24 मई 2010 में वह दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बने. फिर 10 अक्टूबर 2011 को वह सुप्रीम कोर्ट में जज बने.  28 अगस्त 2017 को उन्होंने देश के मुख्य न्यायाधीश की जिम्मेदारी संभाली.

  4. आपको बता दें कि जस्टिस दीपक मिश्रा की बेंच ने ही मुंबई ब्लास्ट में दोषी याकूब मेमन  को फांसी सुनाई थी. इस बेंच ने रात 12 बजे सुनवाई की थी. दीपक मिश्रा ने रात को बचाव पक्ष की अर्जी खारिज कर दी थी. 

  5. जस्टिस दीपक मिश्रा ने ही आपराधिक मानहानि वाले प्रावधान की संवैधानिक वैधता को सही ठहराया था.

  6. जस्टिस दीपक मिश्रा की ही अगुवाई वाली बेंच ने ही सिनेमा घरों में राष्ट्रगान चलाए जाने का आदेश दिया था और कहा था कि इस दौरान सभी लोगों को राष्ट्रगान के सम्मान के लिए खड़े होना होगा.

  7. जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली बेंच ने ही निर्भया गैंगरेप के दोषियों की फांसी की सजा को बरकरार रखने का आदेश दिया था.

  8. जस्टिस मिश्रा ने अपने एक फैसले में दिल्ली पुलिस को आदेश दिया था कि एफआईआर दर्ज करने के 24 घंटे के अंदर उसे वेबसाइट में अपलोड कर दिया जाए. 

  9. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश की मायावती सरकार के प्रमोशन में आरक्षण नीति पर रोक लगा दी थी. मामला सुप्रीम कोर्ट में आया और यहां भी फैसले को बरकरार रखा गया. ये फैसला दो जजों की बेंच ने दिया था जिसमें दीपक मिश्रा में भी शामिल थे.

  10. आपको बता दें कि जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली बेंच ही अयोध्या मामले की सुनवाई कर रही है.