कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बहरीन दौरे से क्या हासिल किया, 5 खास बातें

प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने देश के बारे में अपना दृष्टिकोण रखा और कहा कि उनकी शीर्ष प्राथमिकता रोजगार पैदा करना, अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं तैयार करना और शिक्षा प्रणाली बनाना है.

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने  बहरीन दौरे से क्या हासिल किया,  5 खास बातें

राहुल गांधी ने सोमवार को बहरीन में प्रवासी भारतीयों को संबोधित किया है.

नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बहरीन में भारत की नरेंद्र मोदी सरकार पर लोगों को जाति एवं धर्म के आधार पर बांटने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि सरकार बेरोजगार युवाओं के गुस्से को नफरत में बदल रही है. राहुल ने प्रवासी भारतीयों से घृणा एवं विभाजन की शक्तियों से लड़ने में मदद की अपील की. सोमवार की रात ग्लोबल आर्गनाइजेशन ऑफ पीपुल ऑफ इंडियन ओरिजिन की एक बैठक में प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने देश के बारे में अपना दृष्टिकोण रखा और कहा कि उनकी शीर्ष प्राथमिकता रोजगार पैदा करना, अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं तैयार करना और शिक्षा प्रणाली बनाना है. लेकिन कर्नाटक विधानसभा चुनाव को देखते हुए उनका यह दौरा सियासत से जोड़कर देखा जा रहा है.

5 खास बातें

  1. राहुल गांधी के बहरीन दौरे के पीछे एक सियासी गुणाभाग भी हो सकता है. खाड़ी देशों में 30 लाख से ज्यादा भारतीय या इसी मूल के लोग रहते हैं जिनमें ज्यादातर कर्नाटक या केरल के रहने वाले हैं. आज भी इनका रिश्ता अपने राज्यों से है. 

  2. ज्यादातर युवा रोजगार की तलाश में मजबूरीवश ही खाड़ी देशों का रुख करते हैं. उनके बीच राहुल गांधी का यह बोलना कि उनका रोजगार पैदा करना, अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं तैयार करना और शिक्षा प्रणाली बनाना है तो इसे सियासी मुहिम से ही जोड़कर देखा जा रहा है.

  3. खाड़ी देशों में बड़ी संख्या में अल्पसंख्यक समुदाय के लोग भी रहते हैं. राहुल ने कहा कि मोदी सरकार लोगों को जाति एवं धर्म के आधार पर बांट रही है. सरकार बेरोजगार युवाओं के गुस्से को समाज में नफरत में बदल रही है. इन बयानों से एहसास होता है कि वह इसी समुदाय को साधने की कोशिश कर रहे थे.

  4. कर्नाटक  की राजनीति में भी जाति-धर्म के समीकरण उलझे हुए हैं. कांग्रेस यहां पर दलित, अल्पसंख्यकों और पिछड़ों का समीकरण साधने की कोशिश कर रही है. बीजेपी लिंगायत और दलितों को लुभाने की कोशिश कर रही है. वोकॉलिग्गा समुदाय का वोट बीजेपी और जेडीएस को मिलता रहा है. राज्य में दलित आबादी 20 फीसदी के आसपास है. वहीं क्रिश्चियन और मुस्लिम आबादी 11 फीसदी है, जो अब तक JDS और कांग्रेस के बीच बंटता रहा है.

  5. साल 2013 में कांग्रेस ने 121 सीटें जीतकर BJP से सत्ता छीन ली थी. BJP की हार की बड़ी वजह बीएस येदियुरप्पा की बगावत भी रही है जो उस समय BJP के मुख्यमंत्री भी रह चुके थे. लेकिन भ्रष्टचार के मुद्दे पर उन्हें हटा दिया गया था. लेकिन इस बार फिर से उन्हें CM पद का दावेदार घोषित किया गया है.