दुनिया के सामने हैं ये तीन बड़े खतरे : दावोस में पीएम मोदी के भाषण की 10 खास बातें

स्विटजरलैंड में चल रहे वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के उद्घाटन समारोह में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भाषण कई मामलों में अहम रहा.

दुनिया के सामने हैं ये तीन बड़े खतरे : दावोस में पीएम मोदी के भाषण की 10 खास बातें

दावोस में पीएम मोदी

दावोस : स्विटजरलैंड में चल रहे वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के उद्घाटन समारोह में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भाषण कई मामलों में अहम रहा. पीएम मोदी ने आतंकवाद से लेकर जलवायु परिवर्तन जैसे ज्वलंतशील मुद्दों को दुनिया के सामने रखा. पीएम मोदी ने दुनिया के लिए तीन खतरें गिनाए. उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन, आंतकवाद और देशों का आत्मकेंद्रीत होना दुनिया के लिए तीन खतरे हैं, जिससे निपटना हमारी चुनौती है.

पीएम मोदी के भाषण की 10 खास बातें

  1. पीएम मोदी ने कहा कि साल 1997 में यूरो मुद्रा नहीं था, उस वक्त न ब्रेक्जिट के आसार थे. उस वक्त बहुत कम लोगों ने ओसामा बिन लादेन और हैरी पॉटर का नाम सुना था. उस वक्त शतरंज के खिलाड़ियों को कंप्यूटर से हारने का खतरा नहीं था. उस वक्त गूगल का आविष्कार नहीं हुआ था. उस वक्त अगर आप अमेजन का नाम नेट पर ढूंढटे तो नदियों और चिड़ियों का नाम मिलता. उस वक्त ट्वीट करना चिड़ियों का काम था. इस लिहाज से देखा जाए तो उस जमाने में भी दावोस अपने समय से आगे था और आज भी आगे है. 

  2. पीएम मोदी ने कहा कि आज डेटा बहुत बड़ी संपदा है. आज डेटा के पहाड़ के पहाड़ बनते जा रहे हैं. उस पर नियंत्रण की होड़ लगी है. आज कहा जा रहा है कि जो डेटा पर अपना काबू रखेगा वही दुनिया में अपना ताकत कायम रखेगा. 

  3. पीएम मोदी ने कहा कि भारतीय परंपरा में प्रकृति के साथ गहरा रिश्ता है. हजारों साल पहले भारत में मानव मात्र को भूमि माता पुत्रो अहम पुत्र यानी हम सभी पृथ्वी की संतान हैं. यदि ऐसा है तो आज हम पृथ्वि की संतानों में युद्ध क्यों चल रहा है?

  4. पीएम मोदी ने दुनिया के सामने जलवायु परिवर्तन को सबसे बड़ा खतरा है. हम इससे लड़ने के लिए अभीतक एकजुट होकर प्रयास नहीं कर पा रहे हैं. उन्होने कहा कि कहा कि जलवायु परिवर्तन तेजी से हो रहे हैं, द्वीप डूब रहे हैं, बहुत गर्मी और बहुत ठंड, बेहद बारिश और बेहद सूखा का प्रभाव दिन-ब-दिन बढ़ रहा है. दावोस में जो बर्फ पड़े हैं, वो 20 साल बाद हुआ है. आर्कटिक की बर्फ पिघल रही है. 

  5. दूसरे खतरे के रूप में पीएम मोदी ने आतंकवाद को बड़ा खतरा बताया. उन्होंने कहा कि आतंकवाद बड़ा खतरा है, मगर उससे भी बड़ा खतरा है कि लोग आतंकवाद को भी अच्छा आतंकवाद और बुरा आंतकवाद के रूप में परिभाषित करते हैं. 

  6. पीएम मोदी ने तीसरा खतरा के रूप में देशों के आत्मकेंद्रीत होने की आदत को ठहराया. विश्व की बड़ी ताकतों के बीच सहयोग के संबंध हो. साथ ही उनके बीच प्रतिस्पर्धा कहीं दीवार बनकर नहीं खड़ी होनी चाहिए. दूसरी जरूरत है कि नियमों पर आधारित अंतरराष्ट्रीय नियमों का पालन करना पहले से ज्यादा जरूरी हैं. पीएम ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय संगठनों में सुधार तुरंत किया जाना चाहिए. साथ ही विश्व की आर्थिक प्रगति में और तेजी लाने की जरूरत है.

  7. उन्होंने कहा कि भारत, भारतीयता और भारतयी विरासत का प्रतिनिधि होने के नाते, मेरे लिए इस फोरम का विषय जितना समकालीन है, उतना ही समयातीत भी है. समयातीत इसलिए क्योंकि भारत में अनादी काल से मानव मात्र को जोड़ने में विश्वास करते आएं हैं, उसे तोड़ने में नहीं, बांटने में नहीं. हजारों साल पहले संस्कृत में लिखा है कि भारतीय चिंतकों ने कहा है कि वसुधैव कुटुंबकम यानी पूरी दुनिया एक परिवार है. इसलिए हम सब एक परिवार की तरह हैं. हमारी नियति में एक साझा सूत्र हमें जोड़ती है. वसुधैव कुटुंबकम आज दरारों और दूरियों को मिटाने के लिए सार्थक और प्रासंगिक है. 

  8. भारतीय परंपरा में प्रकृति के साथ गहरे तालमेल के बारे में हजारों साल पहले हमारे शास्त्रों में मनुष्यमात्र को बताया गया कि 'भूमि माता, पूत्रो अहम पृथ्वया' यानी हम लोग इस धरती की संतान हैं. अगर ऐसा है तो फिर प्रकृति के साथ जंग क्यों है. 

  9. पीएम मोदी ने कहाह कि लोकतंत्र राजनीतिक व्यवस्था ही नहीं, बल्कि जीवन शैली है. हम भारतीय ये समझते हैं कि विविधता के विभिन्न आयामों संकल्प का कितना महत्व होता है. भारत में लोकतंत्र सवा सौ करोड़ लोगों के सपनों, आकांक्षाओं और उनके विकास के लिए एक रोडमैप भी तय करता है. भारत के करोड़ों मतदाताओं ने 2014 में किसी एक पार्टी को पूर्ण बहुमत दिया. हमने किसी एक वर्ग का या सीमित विकास का नहीं, बल्कि सबके विकास का संकल्प लिया. हमारी सरकार का मोटो है- सबका साथ, सबका विकास. हमारी योजना और नीति समावेशी है. हमारी हर चीज में समावेशी दर्शन देखने को मिलता है.

  10. महान भारतीय कवि रविन्द्र नाथ टैगोर ने हैवन ऑफ फ्रीडम की कल्पना की है. लिहाजा उस आधार पर हमें भी दुनिया की अनावश्यक दिवारों और दरारों से मुक्त करने के लिए एकजुट होकर आगे बढ़ें. पीएम मोदी ने कहा कि वेल्थ के साथ वेलनेस चाहिए तो भारत आइए. हेल्थ के साथ होलिनेस चाहते हैं तो भारत में आएं.