हर छह सेकेंड में एक व्यक्ति की जान ले रहा है तंबाकू- दस खास बातें

हर छह सेकेंड में एक व्यक्ति की जान ले रहा है तंबाकू- दस खास बातें

प्रतीकात्मक तस्वीर

तंबाकू के सेवन से सेहत पर पड़ने वाले दुष्परिणाम से शायद ही कोई वाकिफ न हो, लेकिन इसके बावजूद तंबाकू सेवन करने वालों की संख्या में कोई कमी देखने को नहीं मिलती। यही कारण है कि इस बाबत जनजागृति के लिए WHO ने तंबाकू उत्पादों पर चेतावनी को ज्यादा स्थान देने पर जोर दिया है।

विश्व तंबाकू निषेध दिवस : पढ़ें दस खास बातें

  1. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताहिक तंबाकू के सेवन और धूम्रपान की वजह से दुनिया में हर छह सेकेंड में एक व्यक्ति की मौत होती है। वहीं भारत में हर रोज यानी हर 24 घंटे में 2800 से ज्यादा लोग तंबाकू उत्पादों के सेवन की वजह से काल के गाल समा जाते हैं।

  2. WHO ने तंबाकू उत्पादों और धूम्रपान से होने वाली बीमारियां और मौतों की रोकथाम को ध्यान में रखकर इस साल की थीम 'तंबाकू उत्पादों पर प्लेन पैकेजिग' रखी है। इसके तहत मांग की गई है कि सारे तंबाकू उत्पादों के पैकेट का एक-जैसा ही रंग हो और उसके 85% हिस्से पर तस्वीरों के जरिये और साफ शब्दों में चेतावनी दी गई हो। इन उत्पादों पर कंपनी को बस अपने ब्रांड का नाम लिखने की छूट हो।

  3. वॉयस ऑफ टोबेको विक्टिमस ने डब्ल्यूएचओ के आंकड़ों का जिक्र करते हुए बताया कि एक सिगरेट जिंदगी के 11 मिनट छीन लेता है। तंबाकू और धूम्रपान उत्पादों के सेवन से हमारे देश में ही औसतन हर घंटे 114 लोग जान गंवा रहे है। वहीं दुनिया में प्रति छह सेकेंड में एक मौत हो रही है।

  4. वीओटीवी ने वैश्विक वयस्क तंबाकू सर्वेक्षण (गेट्स) का हवाला देते हुए बताया कि देशभर में 20 प्रतिशत महिलाएं तंबाकू उत्पादों का शौक रखती हैं। सर्वे के अनुसार देश की 10 फीसदी लड़कियों ने खुद सिगरेट पीने की बात को स्वीकारा है। वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट ग्लोबल टोबेको एपिडेमिक (गेट्स) पर अगर नजर डालें तो पता चलता है कि महिलाओं में तंबाकू के सेवन का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। यह सर्वेक्षण 2010 का है। गेट्स का अगला सर्वे भारत में 2016 में होना प्रस्तावित है।

  5. वायॅस आफ टोबेको विक्टिमस के मुताबिक हाल ही में शुरुआती शोधों में सामने आया है कि तंबाकू का सेवन करने वालों के जीन में भी आंशिक परिवर्तन होते हैं, जिससे केवल उस व्यक्ति में ही नहीं बल्कि आने वाली पीढ़ियों में भी कैंसर होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। इसके साथ ही इन उत्पादों के सेवन से जहां पुरुषों में नपुंसकता बढ़ रही है, वहीं महिलाओं में प्रजनन क्षमता भी कम होती जा रही है।

  6. भारतीय चिकित्सा अनुसंधान (आईसीएमआर) की रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया गया है कि पुरुषों में 50 प्रतिशत और स्त्रियों में 25 प्रतिशत कैंसर की वजह तंबाकू है। इनमें से 90 प्रतिशत में मुंह का कैंसर होता है। भारत में हर दिन 5500 बच्चे तंबाकू सेवन की शुरुआत करते हैं और वयस्क होने की आयु से पहले ही तंबाकू के आदी हो जाते हैं। तंबाकू उपयोगकर्ताओं में से केवल तीन प्रतिशत ही इस लत को छोड़ने में सक्षम हैं।

  7. स्वास्थ्य मंत्रालय स्कूलों में तंबाकू के सेवन के दुष्प्रभावों से संबंधित संदेश शुरू करने के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय से बातचीत कर रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि वैसे विचार पाठ्यपुस्तकों में एक अलग से अध्याय लाने का नहीं है, चेतावनी या तो पाठ्यपुस्तक कवरों पर होगी या पोस्टरों के रूप में होगी जिन्हें स्कूलों में बांटा जा सकेगा।

  8. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं से लोगों को तंबाकू का उपयोग शुरू करने से रोकने पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया है। स्वास्थ्य मंत्री नड्डा विश्व तंबाकू निषेध दिवस के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, 'तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम से जुड़े साझीदार अच्छा काम कर रहे हैं, लेकिन उन्हें इसकी रोकथाम वाले हिस्से पर अधिक ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है।'

  9. नड्डा ने तंबाकू छोड़ना चाहने वाले लोगों की मदद के लिए 'नेशनल टोबेको सेसेशन क्विटलाइन' की शुरुआत की। तंबाकू की लत छुड़ाने की सेवा प्रदान करने के लिए वल्लभभाई पटेल चेस्ट इंस्टीट्यूट ने राष्ट्रीय हेल्पलाइन - 1800112356 की शुरुआत की है।

  10. शुरुआत में हेल्पलाइन सोमवार को छोड़कर बाकी दिनों में सुबह आठ बजे से रात आठ बजे तक संचालित होगी और प्रत्येक शिफ्ट में छह प्रशिक्षित सलाहकार होंगे। (एजेंसी इनपुट के साथ)