शाहरुख खान और अनुष्का शर्मा की तीसरी फिल्म है 'जब हैरी मेट सेजल'
खास बातें
- उम्मीदों पर खरी उतरती नजर नहीं आती 'जब हैरी मेट सेजल'
- बचकानी प्रेम कहानी और कमजोर डायलॉग ने मजा किया किरकिरा
- विजुअल्स की गड़बड़ दर्शकों को कर सकती है निराश
नई दिल्ली: इम्तियाज अली, शाहरुख खान और अनुष्का शर्मा के कॉम्बिनेशन वाली 'जब हैरी मेट सेजल' रिलीज हो गई है. फिल्म को लेकर काफी हाइप थी और शाहरुख को सब एक बार फिर से रोमांटिक रोल में देखने को बेकरार थे. फिल्म रिलीज होने के बाद उम्मीदों पर खरी उतरती नजर नहीं आती है. कहानी पूरी तरह से कमजोर है जबकि एक्टिंग के मामले में भी कोई दिल में नहीं उतरता है. आइए हम बताते हैं कि आखिर वे पांच वजहें क्या हैं जो 'जब हैरी मेट सेजल' को बनाती हैं कमजोर...
बचकानी प्रेम कहानी और कमजोर डायलॉग
फिल्म की कहानी इतनी बचकाना है कि हंसी आती है और सोचना पड़ता है कि इम्तियाज अली ने इस तरह की कहानी पर फिल्म बनाने का फैसला कैसे किया? फिर
शाहरुख को इस कहानी में क्या नयापन लगा जो उन्होंने अपने डूबते करियर के दौरान इसे चुना. फिल्म के संवाद तालीमार तो बिल्कुल नहीं है.
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फिल्म शुरू होने के दो-तीन मिनट बाद ही एक सीन आता है, जिसमें शाहरुख और अनुष्का गाड़ी में जा रहे होते हैं. लेकिन यहां विजुअल्स की गड़बड़ है. शाहरुख की गाड़ी बहुत धीमी चलती नजर आती है और साफ दिखा है कि वह गाड़ी किसी दूसरी गाड़ी पर रखी हुई है. यह कमी आंखों को खटकती है.
अनुष्का की गुजरातीअनुष्का देखने में अच्छी लगती हैं और कई फिल्मों में एक्टिंग भी अच्छी-खासी कर लेती हैं. लेकिन यहां वे चूकती नजर आईं. उनकी गुजराती बहुत ही फ्लैट है, वे बोलने की अच्छी कोशिश तो करती हैं... लेकिन कनेक्ट नहीं कर पाती हैं. फिर उनकी एक्टिंग काफी सपाट है और जैसी शाहरुख की हीरोइनों से उम्मीद होती है वे उसके सामने कहीं नहीं टिकती.
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फिल्म के बहाने यूरोप का प्रमोशन है शाहरुख-अनुष्का की 'जब हैरी मेट सेजल'शाहरुख का खत्म होता चार्म!शाहरुख कई सीन्स में बहुत ही बढ़िया लगे हैं. उनकी पंजाबी कमाल की है. लेकिन डायरेक्टर और शाहरुख को खुद को समझना होगा कि अब वे 'दिलवाले दुल्हनियां ले जाएंगे' जैसा जादू नहीं कर सकते. इसलिए उन्हें इस तरह की प्रेम कहानी करते समय थोड़ा ध्यान देना होगा क्योंकि 50 की उम्र में वे रोमांस पर बड़ा दांव नहीं खेल सकते.
बेमेल जोड़ीशाहरुख और अनुष्का की जोड़ी 'जब तक है जान' और 'रब ने बना दी जोड़ी' में देखी जा चुकी है. लेकिन 'रब ने बना दी जोड़ी' की कहानी जहां बहुत ही मजेदार और नए ढंग की थी, वहीं 'जब तक है जान' में कैटरीना कैफ का जलवा मौजूद था. उन्होंने फिल्म को खींचने में काफी मदद की थी. लेकिन 'जब हैरी मेट सेजल' में शाहरुख और अनुष्का के अलावा दूसरा कोई नहीं है. दोनों की जोड़ी करंट पैदा नहीं कर पाती है और इसी वजह से पूरी फिल्म में दर्शक उनसे कनेक्ट नहीं कर पाते हैं.
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