'हैदर' को राष्ट्रीय पुरस्कार के बाद विशाल भारद्वाज और अनुपम खेर में छिड़ी 'जंग'

नई दिल्ली : बॉलीवुड निर्देशक विशाल भारद्वाज को उनकी फिल्म 'हैदर' के लिए पांच राष्ट्रीय पुरस्कार मिले हैं, लेकिन कश्मीर में शूट की गई 'हैदर' को लेकर कश्मीरी पंडित अभिनेता अनुपम खेर से उनका जो मतभेद जारी था, वह खत्म नहीं हुआ। वर्ष 2014 में भी अनुपम खेर ने 'हैदर' और विशाल भारद्वाज पर कश्मीरी पंडितों की मुश्किलों को नज़रअंदाज़ करने का आरोप लगाया था, और अब भी उन्होंने विशाल द्वारा 'हैदर' को मिले राष्ट्रीय पुरस्कारों को कश्मीरी पंडितों को समर्पित करने को 'ढकोसला-सा' बताया है।

मंगलवार को घोषित 62वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों के तहत 'हैदर' को मिली सफलता का जश्न मनाते हुए विशाल ने इसे कश्मीरी पंडितों को समर्पित किया, और कहा, "मैं इन अवार्ड्स को कश्मीरी पंडितों को समर्पित करता हूं... मुझे दुख है कि वे मेरी मंशा नहीं समझे... कश्मीरी पंडितों पर जो गुज़रा है, वह यकीनन बहुत दुखदायी है..."

इसके बाद वर्ष 1989 और 2005 में राष्ट्रीय पुरस्कार जीत चुके अनुपम खेर ने माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर अपनी नाराज़गी जताई, "मैं विशाल भारद्वाज को नेशनल अवार्ड के लिए मुबारकबाद देता हूं, लेकिन कश्मीरी पंडितों को अवार्ड समर्पित करना एक ढकोसला-सा लगता है..."

एक अन्य ट्वीट में अनुपम खेर ने लिखा, "विशाल भारद्वाज ने कभी कश्मीरी पंडितों के हक में नहीं बोला और 'हैदर' में मंदिर में राक्षस का नाच दिखाकर कश्मीरी पंडितों की भावनाओं से खिलवाड़ किया..."

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इस ट्वीट के बाद विशाल भारद्वाज ने पलटवार करते हुए कहा, "300,000 लोगों को घरों से निकाल दिया गया... कश्मीरी पंडित अपने ही देश में शरणार्थी बन गए... इस पर फिल्म ज़रूर बननी चाहिए थी, लेकिन खुद अनुपम खेर और विधू विनोद चोपड़ा जैसे कश्मीरी पंडितों ने भी कभी कश्मीरी पंडितों के मुद्दे पर फिल्म नहीं बनाई है..." विशाल भारद्वाज ने फिर लिखा, "अनुपम खेर को जब मौका मिला, उन्होंने 'ओम जय जगदीश' और विधू विनोद चोपड़ा ने 'मिशन कश्मीर' बनाई, लेकिन उनमें किसी कश्मीरी पंडित का ज़िक्र तक नहीं था..."