यह ख़बर 15 फ़रवरी, 2013 को प्रकाशित हुई थी

कभी मर्डर मिस्ट्री, कभी हॉरर लगती है 'मर्डर-3'

खास बातें

  • फिल्म में सभी कलाकारों ने अच्छा अभिनय किया है... इमोशनल सीन्स भी काफी अच्छे हैं... पहली फिल्म के लिहाज़ से विशेष भट्ट का निर्देशन भी अच्छा है...
मुंबई:

'मर्डर-3' फ्रेंचाइज़ी है फिल्म 'मर्डर' की, जिसके पहले दोनों भाग हिट रहे हैं... इसका नाम है 'मर्डर-3', लेकिन इसमें एक भी मर्डर नहीं है... इसे मर्डर मिस्ट्री की तरह देखा जा रहा था, लेकिन मिस्ट्री के नाम पर फिल्म में सिर्फ एक मिस्ट्री रूम है, जिसके बारे में ज़्यादा बात नहीं कर सकते, क्योंकि ऐसा करने से सस्पेंस खत्म हो जाएगा...

सबसे पहले आपको बता दूं कि 'मर्डर-3' एडॉप्शन है स्पेनिश थ्रिलर 'द हिडन फेस' की... 'मर्डर-3' में विक्रम, यानि रणदीप हुड्डा स्ट्रगलिंग फोटोग्राफर हैं साउथ अफ्रीका में, और उनके पास बेहद प्यार करने वाली एक महबूबा खुशबू, यानि अदिती राव हैदरी, है, जो वेल-सेटल्ड हैं... मगर जैसे ही विक्रम को फैशन फोटोग्राफी के लिए भारत से ऑफर मिलता है, वह इंडिया आ जाते हैं और अपना सब कुछ छोड़कर उनके साथ आ जाती है खुशबू... यहां आकर खुशबू शक करने लगती है विक्रम पर और अचानक वह गायब हो जाती है ऐसी जगह पर, जहां से वह विक्रम पर नज़र रख सके... गर्लफ्रेन्ड के गायब होने के बाद विक्रम का अफेयर शुरू होता है निशा के साथ...

फिल्म में सभी कलाकारों ने अच्छा अभिनय किया है, खासतौर पर अदिती राव हैदरी ने... इमोशनल सीन्स काफी अच्छे हैं... पहली फिल्म डायरेक्ट कर रहे विशेष भट्ट का निर्देशन भी अच्छा है... बस, वह एक अच्छे कॉन्सेप्ट को पर्दे पर ठीक से एक्ज़ीक्यूट नहीं कर पाए...

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वैसे, रोशनी को ढूंढ रही पुलिस की छानबीन बचकानी लगती है, कमरे के अंदर से अगर कोई डंडे से दरवाज़ा पीटे और उसके सामने खड़े इंसान को आवाज़ न सुनाई दे, कुछ अटपटा लगता है... फिल्म कभी मर्डर मिस्ट्री लगती है, कभी हॉरर... 'मर्डर-3' में कोई मर्डर नहीं है... बस, प्यार का खून है और दर्शकों के भरोसे का भी, इसलिए 'मर्डर-3' के लिए मेरी रेटिंग है, 2.5 स्टार...