फिल्म रिव्यू : 'रहस्य' - एन्गेजिंग फिल्म, अच्छा सस्पेंस

मुंबई:

नोएडा में हुए बहुचर्चित आरुषि मर्डर केस पर आधारित है फिल्म 'रहस्य', जिसमें कत्ल की गई बच्ची आएशा की भूमिका निभाई है साक्षी सेम ने, आशीष विद्यार्थी और टिस्का चोपड़ा डॉक्टर मां-बाप के किरदार में हैं तथा केके मेनन बने हैं सीबीआई ऑफिसर, जो आएशा के कत्ल की तफ्तीश कर रहे हैं।

'रहस्य' के शुरू होते समय डिस्क्लेमर लगाया गया है, जिसके मुताबिक यह एक काल्पनिक कहानी है। तफ्तीश के तरीके की तरफ देखें तो यह डिस्क्लेमर सही हो सकता है, मगर 'रहस्य' की कहानी देखें तो साफ पता चलता है कि फिल्म पूरी तरह आरुषि हत्याकांड पर ही आधारित है। आरुषि के माता-पिता की तरह 'रहस्य' की आएशा के माता-पिता भी डॉक्टर हैं। आरुषि के नौकर हेमराज की तरह आएशा के नौकर का भी खून होता है। यहां तक कि जिस तरह के रिश्तों के रहस्य आरुषि मर्डर केस में सुनाई पड़े थे, उसी तरह के कई रहस्य इस फिल्म में भी दिखाए गए हैं।

जिस तरह आरुषि के कत्ल के आरोप में उसके माता-पिता जेल में हैं, फिल्म में भी कोई अपना ही है, लेकिन वह अपना कौन है, इसके लिए आपको फिल्म देखनी होगी। हां, 'रहस्य' के प्रचार के समय कलाकारों ने भी कबूल किया कि फिल्म आरुषि हत्याकांड पर आधारित है।

एक बात कहनी होगी कि निर्देशक मनीष गुप्ता ने फिल्म को एन्गेजिंग रखा है। सस्पेंस अच्छा है और पहला हाफ खासतौर से कसा हुआ है। तफ्तीश को अच्छे ट्विस्ट दिए गए हैं और आशीष विद्यार्थी और केके मेनन ने अच्छा अभिनय किया है। लेकिन फिल्म का दूसरा हिस्सा थोड़ा खिंचा हुआ लगता है, और क्लाइमैक्स कुछ ज़्यादा ही आसानी से खुल जाता है।

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अगर आप मर्डर मिस्ट्री देखना पसंद करते हैं, तो एक बार 'रहस्य' देख सकते हैं, क्योंकि आरुषि मर्डर केस का फैसला जानते हुए भी इस फिल्म में आप बोरियत महसूस नहीं करेंगे। इस फिल्म के लिए मेरी रेटिंग है - 3 स्टार...