भारत में बैन हुई लिपस्टिक अंडर माई बुर्का को ग्लास्गो में मिला ऑडियंस अवॉर्ड

भारत में बैन हुई <i>लिपस्टिक अंडर माई बुर्का</i> को ग्लास्गो में मिला ऑडियंस अवॉर्ड

'लिपस्टिक अंडर माई बुर्का' के एक दृश्य में कोंकणा सेन शर्मा.

नई दिल्ली:

हाल ही में सेंसर बोर्ड ने अलंकृता श्रीवास्तव की फिल्म लिपस्टिक अंडर माई बुर्काको कुछ ज्यादा ही महिला केंद्रित बताते हुए प्रमाणपत्र देने से इनकार किया है, लेकिन यह फिल्म दुनियाभर के फिल्म समारोहों में खासी पसंद की जा रही है. इस फिल्म को ग्लास्गो में आयोजित फिल्म फेस्टिवल में ऑडियंस अवॉर्ड दिया गया है. फिल्म को प्रकाश झा ने प्रोड्यूस किया है. स्कॉटिश अभिनेता डेविड टेनेंट से अवॉर्ड पाने के बाद निर्देशक अलंकृता ने कहा कि फिल्म को अवॉर्ड मिलने का इससे बेहतर समय नहीं हो सकता था.

फिल्म में कोंकणा सेन शर्मा, रत्ना पाठक शाह, विक्रांत मैसी जैसे कलाकार इस फिल्म में महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभा रहे हैं. फिल्म की कहानी एक छोटे से शहर में रहने वाली चार महिलाओं की जिंदगी पर आधारित है जो सामाजिक बंधनों को तोड़कर अपने तरीके से जिंदगी जीना चाहती हैं.

इस महीने की 23 तारीख को सेंसर बोर्ड ने प्रकाश झा को फिल्म को प्रमाणपत्र नहीं देने के संबंध में एक पत्र जारी किया था जिसमें लिखा था कि यह फिल्म महिलाओं की फैंटसीज पर आधारित है और इसके दृश्य और भाषा उत्तेजक हैं इसलिए इसे प्रमाणपत्र नहीं दिया जा सकता है.

अवॉर्ड लेने के बाद अलंकृता ने कहा, "मैं बेहद सम्मानित महसूस कर रही हूं कि ग्लासगो फिल्म महोत्सव में लिपस्टिक अंडर माई बुर्का को स्कॉटरेल ऑडियंस अवार्ड दिया गया है. ऐसे वक्त में जब महिला दृष्टिकोण के साथ बनी इस महिला केंद्रित फिल्म को भारत में प्रमाणपत्र देने से मना कर दिया गया है, मुझे लगता है कि अवार्ड मिलने का इससे बेहतर समय नहीं हो सकता था."

उन्होंने कहा कि इस अवार्ड ने उन्हें उम्मीद और हौसला दिया है. केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के फैसले की फरहान अख्तर, विवेक अग्निहोत्री, पूजा भट्ट, सुशांत सिंह, आलिया भट्ट जैसी फिल्मी हस्तियों ने आलोचना की है.

(इनपुट आईएएनएस से)


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