'लिपस्टिक अंडर माय बुर्का' को नहीं मिली सेंसर बोर्ड सर्टिफिकेट, अब धार्मिक फिल्‍म बनाएंगे प्रकाश झा

'लिपस्टिक अंडर माय बुर्का' को नहीं मिली सेंसर बोर्ड सर्टिफिकेट, अब धार्मिक फिल्‍म बनाएंगे प्रकाश झा

खास बातें

  • 'लिपस्टिक अंडर माई बुर्का' को सेंसर बोर्ड ने किया है भारत में बैन
  • प्रकाश झा ने कहा, अब 'सत्‍संग' नाम की धार्मिक फिल्‍म बनाऊंगा
  • 'लि‍पस्टिक अंडर माई बुर्का' को मिल चुके हैं कई अवॉर्ड
नई दिल्‍ली:

दुनिया के कई अवॉर्ड जीत चुकी फिल्म निर्माता-निर्देशक प्रकाश झा के प्रोडक्‍शन में बनी फिल्‍म 'लिपस्टिक अंडर माई बुर्का' को अभी भी सेंसर बोर्ड के सर्टिफिकेट का इंतजार है. ऐसे में सेंसर बोर्ड के रवैये से परेशान निर्देशक प्रकाश झा ने फैसला लिया है कि वह अब अगली फिल्‍म धार्मिक बनाएंगे. जी हां, अपनी फिल्‍मों के जरिए कई अहम विषयों पर रोशनी डाल चुके प्रकाश झा ने हाल ही में दिल्‍ली में आयोजित एक प्रोग्राम में शामि होने पहुंचे. उन्‍होंने न्‍यूज एजेंसी आईएएनएस को बताया कि उनके निर्देशन में बनने वाली अगली फिल्म 'सत्संग' होगी. प्रकाश झा ने कहा कि यह फिल्म धार्मिक चीजों पर आधारित होगी.

राजधानी दिल्ली में आयोजित एक समारोह से इतर न्‍यूज एजेंसी आईएएनएस के साथ बातचीत में निर्देशक ने यह बात कही. प्रकाश से जब उनकी अगली फिल्म के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, "मेरी अगली फिल्म 'सत्संग' होगी, जो धार्मिक विषय पर आधारित है.' निर्देशक से जब फिल्म के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इस वक्त वह केवल इतनी ही जानकारी दे सकते हैं.  

उल्लेखनीय है कि प्रकाश झा के प्रोडक्‍शन में बनी फिल्‍म 'लिपस्टिक अंडर माई बुर्का' के लिए सेंसर बोर्ड से प्रमाण पत्र मिलने का इंतजार कर रहे हैं. उनका कहना है कि सेंसर बोर्ड ने उन्हें इस फिल्म को प्रमाण पत्र देने से साफ इनकार कर दिया है. प्रकाश ने कहा, 'विभिन्न फिल्मोत्सवों में पुरस्कार जीत चुकी इस फिल्म को सेंसर बोर्ड ने प्रमाण पत्र देने से इनकार कर दिया है. फिल्म की निर्देशक अलंकृता श्रीवास्तव ने इस बारे में बोर्ड से बात की थी, लेकिन वह अपने फैसले पर डटे हुए हैं.' प्रकाश सेंसर बोर्ड से प्रमाण पत्र का इंतजार कर रही 'लिपस्टिक अंडर माई बुर्का' फिल्म के निर्माता हैं.

 
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अलंकृता श्रीवास्तव के निर्देशन में बनी फिल्म कई अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सवों में पुरस्कार जीत चुकी है. इसे मियामी, एम्सटरडम, पेरिस और लंदन फिल्म महोत्सवों में भी दिखाया जाएगा. सेंसर बोर्ड ने 23 फरवरी को यह कहते हुए फिल्म को प्रमाणपत्र देने से इनकार कर दिया था कि यह फिल्म कुछ ज्यादा ही महिला केंद्रित है और उनकी फैंटसीज के बारे में बताती है.

(इनपुट आईएएनएस से भी )

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