मूवी रिव्यू : फिल्म 'मेरठिया गैंगस्टर्स' में मनोरंजन तो है पर कहानी नहीं

मूवी रिव्यू : फिल्म 'मेरठिया गैंगस्टर्स' में मनोरंजन तो है पर कहानी नहीं

इस शुक्रवार रिलीज़ हुई है 'मेरठिया गैंगस्टर्स' जिसका निर्देशन किया है ज़ीशान क़ादरी ने। इस फिल्म में मुख्य भमिकाएं निभाई हैं जयदीप अहलावत, आकाश दहिया, चंद्रचूर राज, वंश भारद्वाज, शादाब कमाल, जतिन शर्मा, निखिल पुनिया, संजय मिश्रा, वीजेंद्र काले और मुकुल देव ने। मेरठिया गैंगस्टर्स मेरठ कॉलेज के 5 दोस्तों की कहानी है।

फिल्म में सारे मसाले थे लेकिन...
ये सभी नौकरी पाने के लिए रिश्वत की रक़म इकट्ठा करते करते किडनैपिंग जैसा अपराध कर बैठते हैं। इस फ़िल्म को देखकर मुझे लगा कि जैसे कोई हाथ पकड़े मुझे इस फ़िल्म के सफ़र पर बस ले जा रहा हो बिना कहानी बताए या दूसरी तरह से कहूं तो सब्ज़ी बनाने के लिए सारे मसाला थे पर सब्ज़ी ही नहीं थी। जैसे निर्देशक हमें शायद उत्तर प्रदेश के हालात से अवगत कराना चाहते हों कि कैसे खेल खेल में लोग क्राइम कर बैठते हैं। फिल्म में मेरठ की भाषा का तड़का भी लगाया गया है। यानी, इंटरटेनमेंट का मसाला तो था पर आप इंतजार करते रहेंगे कि कहानी कब शुरू होगी।

फिल्म में दिशाहीन मनोरंजन...
सीन्स के नाम पर आपको एक के बाद एक फ़िल्म में घटनाएं दिखती रहेंगी। इन्हें आप देखते तो रहेंगे पर शायद मज़ा ना ले पाएं। फ़िल्म में सबने अच्छी एक्टिंग की है। ज़्यादातर क़िरदार विषय के स्वरूप हैं। फ़िल्म में कहीं कहीं आपको हंसी आएगी, मनोरंजन भी होगा पर वह बिना दिशा के होगा। तो कुल मिलाकर, दिशाहीन लड़कों की इस फ़िल्म में दिशा की कमी खली।

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मेरी ओर से फ़िल्म को 2 स्टार्स।