फिल्म पार्टीशन 1947 की कहानी विभाजन के वक्त देश की स्थिति, उस समय हो रही पॉलिटिक्स और अंग्रेजी हुकूमत के मंसूबों को दर्शाती है. यह फिल्म बताती है की किस तरह अंग्रेजी हुकूमत ने माउन्ट बेटन को इस्तेमाल किया जबकि उनका इरादा देश को एक सुनहरा भविष्य देने का था. इस फिल्म की सबसे बड़ी कमजोरी है इसका एक ही नजरिया होना. ये फिल्म सिर्फ एक ही नजरिये को पेश करती है और वह है माउन्ट बेटेन का नजरिया. विभाजन के समय दो तबकों में झगड़ा, वाइस रॉयस हाउस में काम करने वाले दो तबकों के बीच तना तनी के जरिये दिखाया गया है.
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साथ ही इसके दिखाने के लिए कुछ डॉक्यूमेंटरीज का भी सहारा लिया गया है, जो मुझे लगता है कि उस घटना की इंटेंसिटी को काम करता है. ये एक अच्छी डाक्यूमेंट्री हो सकती थी क्योंकि ड्रमेटिक कम है. इसकी लव स्टोरी में इंटेंसिटी नहीं है.
फिल्म की खूबियों की अगर बात करें तो इसका नैरेटिव सिंपल है जो की अच्छा लगता है. फिल्म में कुछ चीजें अच्छी हैं जो शायद आम दर्शकों को न पता हो और इतिहास के बारे में आपका ज्ञान बढ़ाए. फिल्म में सभी कलाकारों का अभिनय ठीक है पर इनमें से कोई खास छाप नहीं छोड़ पाए सिवाय दिवंगत अभिनेता ओम पूरी के. जिस तरह से गुरिंदर चड्ढा ने फिल्म की कहानी से खुद को जोड़ा है वो अच्छा है. इस फिल्म के लिए मेरी रेटिंग है 2.5 स्टार.
VIDEO: Movie Review : एक ही नजरिए को दर्शाती फिल्म 'पार्टीशन-1947'
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