'देसी गर्ल' प्रियंका चोपड़ा ने माना कि जब इमोश्‍नल होती हूं तो 'देसीपन' बाहर आ जाता है

'देसी गर्ल' प्रियंका चोपड़ा ने माना कि जब इमोश्‍नल होती हूं तो 'देसीपन' बाहर आ जाता है

नई दिल्‍ली:

'देसी गर्ल' प्रियंका चोपड़ा ने यह माना है कि जब भी वह भावुक होती हैं तो देसी बन जाती हैं. भारतीय और कुछ समय से अमेरिकी किरदारों को बखूबी निभा रहीं प्रियंका भले ही अपने किरदारों में कमाल कर रही हों, लेकिन जब बात भावनाओं की आती है तो वह देसीपन को छोड़ नहीं पाती हैं. 'फैशन' की स्टार प्रियंका ने अमेरिकन टीवी सीरीज 'क्‍वांटिको' में एलेक्स पेरिस की भूमिका निभाई है और हॉलीवुड फिल्म 'वेबॉच' में वह विक्टोरिया लीड्स की भूमिका में हैं. यह पूछे जाने पर कि पर्दे पर निभाएं किरदारों से क्या उनका व्यक्तित्व प्रभावित होता है? तो उन्होंने एक साक्षत्कार में न्‍यूज एजेंसी आईएएनएस से कहा, 'मैं हर समय ऐसा करती हूं. कल्पना कीजिए, मैं 'क्वांटिको' के पहले सत्र के दौरान, 'बाजीराव मस्तानी' की शूटिंग कर रही थी. लेकिन मैं इसे दूसरे तरीके से सोचती हूं. उस समय एलेक्स पर प्रियंका के व्यक्तित्व का प्रभाव पड़ा.'

उन्होंने कहा, 'यहां कुछ ऐसे दिन भी थे, जब शायद मैंने एलेक्स के संवाद भारतीय अंदाज में कहे और तभी मेरा कोच बाहर आया और उन्होंने मुझे याद दिलाया कि एलेक्स एक अमेरिकन है. आपको पता है कि जब भी मैं भावुक या गुस्से में होती हूं तो 'देसी' बन जाती हूं और मेरा देसी अंदाज ही बाहर आता है.' पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित अभिनेत्री का मानना है कि वह दुनिया में कहीं भी जा रही हों, यह मायने नहीं रखता, लेकिन सच्चाई यह है कि दिल से वह भारतीय हैं.

पिछले कुछ महीनों से न्‍यूयॉर्क में रह रही प्रियंका चोपड़ा हाल ही में भारत आई हैं और उन्‍होंने अपने बॉलीवुड के दोस्‍तों और अपने प्रोडक्‍शन हाउस के तहत बनी मराठी फिल्‍म 'वेंटिलेटर' को मिले नेशनल फिल्‍म अवॉर्ड्स की पार्टी की. उनकी फिल्‍म 'वेंटिलेटर' को तीन नेशनल फिल्‍म अवॉर्ड मिले हैं. 'वेंटिलेटर' को दी हुई पार्टी के दौरान प्रियंका ने कहा था, 'बड़ी हस्तियां हिंदी फिल्में बनाती हैं. मैं एक छोटी फिल्म निर्माता हूं. मुझे लगा कि कुछ ऐसा फिल्में और कहानियां है जिन्हें मेरी सहायता और समर्थन की जरूरत है.'

(इनपुट आईएएनएस से भी)


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