आइए, जानते हैं कहां-कहां हुई थी इस फिल्म में गलतियां-
गांव में बिजली नहीं, लेकिन पानी की टंकी क्या कर रही थी
जिस रामगढ़ में ठाकुर का घर था और जहां कि बसंती थी वहां बिजली नहीं है, जैसा कि फिल्म में दर्शाया गया है। यहां तक कि ठाकुर की बहू भी पूरे घर में लालटेन जलाती दिखती है, लेकिन सोचने वाली बात यह कि अगर गांव में बिजली नहीं है तो फिर वहां पानी का टंकी क्या कर रही है। ये तो हम सब जानते हैं कि बिना मोटर चलाए टैंक तक तो पानी पहुंच नहीं सकता। फिल्म में यह पानी की टंकी उस वक्त दिखाई गई थी जब वीरू बसंती के लिए पानी की टंकी पर चढ़ता है।
बसंती ने तोड़ा पुल, फिर मिनटों में किसने जोड़ा?
फिल्म में डाकुओं से बचने के लिए बसंती अपने तांगे से स्टंट करके लकड़ी के पुल को तोड़ देती है, जिससे पीछे से आ रहे डाकू दूसरे रास्ते से आने को मजबूर होते हैं। यहां गौर करने वाली बात है कि वीरू को भी यह पुल टूटा मिलता है। लेकिन, जब जय और वीरू-बसंती को डाकुओं से बचाकर लौट रहे हैं तो उस सीन में वही लकड़ी का पुल पूरी तरह दुरुस्त मिलता है। ये पुल को फिर किसने ठीक कर दिया, वो भी इतनी जल्दी।
गोली लगी सामने, निशान बना पीठ पर
फिल्म में जब गब्बर अपने तीन डाकुओं को गोली मारता है, तो वो तीनों गब्बर के ठीक सामने फेस टु फेस खड़े दिखाए गए हैं। गब्बर तीनों को सामने से गोली मारता है लेकिन अगले ही पल दो डाकुओं की पीठ और पीछे गर्दन पर गोली लगी दिखाई गई है।
ठाकुर के कुर्ते से दिख गया था हाथ
फिल्म में ठाकुर के हाथ को गब्बर काट चुका है, लेकिन अगर आप गौर से देखेंगे तो फिल्म के अंत में जब ठाकुर गब्बर को मारता है तो उसके सफेद कुर्ते से उसके हाथ कुछ सेकंड के लिए साफ दिखाई दे रहे हैं।
जय की एक गोली से कैसे मर गए दो डाकू?
फिल्म में डाकुओं से लड़ते वक्त जब जय जमीन पर गिरते हुए पिस्तौल चलाता है। उसकी एक गोली से दो डाकू घोड़े से गिरकर मर जाते हैं। भला एक गोली से दो लोग कैसे मर गए।
जय के खाली हाथ में कहां से आया सिक्का?
फिल्म के आखिरी सीन में जय की मौत से पहले जब जय पुल के पास आता है तो उसकी दोनों हथेलियां खुली दिख रही हैं, लेकिन जब वो वीरू की बांह में दम तोड़ता है तो वीरू को उसके एक हाथ में सिक्का मिलता है। जय ने मरते समय सिक्का जेब से निकाल लिया था क्या?
घोड़े के बदल गए रंग, काले से हुआ भूरा
अपने परिवार की हत्या के बाद जब ठाकुर गांव आता है तो वह काले घोड़े (सफेद चित्ते वाले) पर गब्बर को मारने जाता है। लेकिन रास्ते में ही घोड़े का रंग बदल कर भूरा हो गया है, जिस पर सफेद चित्ते भी नहीं है। अब घोड़े का रंग बदला है या घोड़ा, कहा नहीं जा सकता।