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खास बातें
- 'डी डे' कहानी है, एक मोस्ट वांटेड अपराधी को पाकिस्तान से हिन्दुस्तान लाए जाने की, जिसकी जिम्मेदारी ली है हिन्दुस्तानी इंटेलिजेंस एजेंसी रॉ ने।
मुंबई: फिल्म 'डी डे' का निर्देशन निखिल आडवानी ने किया है और इसमें मुख्य भूमिकाओं में हैं, ऋषि कपूर, इरफान खान, अर्जुन रामपाल, हूमा कुरैशी, श्रीस्वरा और चंदन सानयाल ने।
'डी डे' कहानी है, एक मोस्ट वांटेड अपराधी को पाकिस्तान से हिन्दुस्तान लाए जाने की, जिसकी जिम्मेदारी ली है हिन्दुस्तानी इंटेलिजेंस एजेंसी रॉ ने। गोल्ड मैन का किरदार आधारित है, दाऊद इब्राहिम पर, जिसे पाकिस्तान से लाने की मुहिम में जुटते हैं, एजेंट वली खान यानी इरफान खान, आर्मी से जुड़े रूद्र प्रताप सिंह यानी अर्जुन रामपाल, क्रिमिनल से एजेंट बने असलम यानी आकाश दहिया। यही लोग अपने मिशन को पाकिस्तान में अंजाम देते हैं।
वैसे, फिल्म की क्रू और कास्ट ये दावे कर रही थी कि फिल्म पर बहुत रीसर्च की गई है, पर फिल्म देखकर ऐसा लगता नहीं है। बहुत- सी खामियां फिल्म में नजर आती हैं, जैसे बहुत आसानी से गोल्डमैन के घर में घुसना, कई कत्ल करने के बाद गोल्डमैन को पकड़ने की कोशिश में नाकाम होने के बाद चारों एजेंट पाकिस्तान के एक होटल में रहकर बाहर आराम से घूमकर पेस्ट भी कर रहे हैं और बातें भी।
जबकि हर टेलीविजन चैनल और अखबार में उनकी तस्वीरें दिखाई जा चुकी हैं। अर्जुन रामपाल अपने घायल साथी एजेंट को होटल तक ले आते हैं और पाकिस्तान में उन्हें कोई नहीं पकड़ता। इस तरह के कई सीक्वेंस झटके देते हैं। अगर गहरी रीसर्च के दावे नहीं होते तो शायद इन सब सीन्स को नजरअंदाज किया जा सकता था और हम सोच लेते की हम 70s और 80s के जमाने की एक एंटरटेनिंग फिल्म देख रहे हैं।
फिल्म के वन−लाइन कॉन्सेप्ट में तो दम है, पर कहानी फैलाने में स्क्रिप्ट को अंजाम देने में और स्क्रीन प्ले को कसा हुआ रखने में टीम मात खा गई। वहीं ऋषि कपूर हिन्दुस्तान के नंबर-1 और अमेरिका के नं-2 मोस्ट वॉन्टेड नहीं लगते। साथ ही कहानी में लव ट्रैक की मुझे जरूरत समझ नहीं आई, क्योंकि वक्त की कमी से ये ट्रैक्स दमदार नहीं बन पाए। इन ट्रैक्स को महसूस करने के बजाए शायद आपको ये झटका दे जाए। सिर्फ इरफान के परिवार की कहानी आपको छू पाएगी। जोया और अर्जुन की निजी जिंदगी आपको बेवजह लग सकती है।
फिल्म का फर्स्ट हाफ बहुत ढीला है, पर सेकेंड हाफ बेहतर है। फिल्म के एक्शन सीन्स अच्छे हैं। फिल्म के गाने दिल को छूते हैं, पर हर फिल्म की नींव उसकी कहानी होती है, जो मुझे कमजोर नजर आई। मेरी ओर से फिल्म को 2 स्टार्स।