यह ख़बर 08 अप्रैल, 2011 को प्रकाशित हुई थी

रिव्यू : बच्चों के दिल को छू लेगी 'रियो'

खास बातें

  • 'रियो' कहानी है दुर्लभ प्रजाति के तोते… ब्लू की। सड़क पर लावारिस पड़े ब्लू को लिंडा नाम की लड़की घर ले आती है।
New Delhi:

इस हफ्ते बच्चों की एक थ्री डी एनिमेशन फिल्म भी रिलीज़ हुई। 'रियो' नाम की यह फिल्म हॉलीवुड से आई है लेकिन हिन्दी में डब्ड वर्जन में बॉलीवुड के कई कलाकारों ने अपनी आवाज़ दी है। 'रियो' कहानी है दुर्लभ प्रजाति के तोते… ब्लू की। सड़क पर लावारिस पड़े ब्लू को लिंडा नाम की लड़की घर ले आती है। दोनों की गहरी दोस्ती हो जाती है। एक पक्षी वैज्ञानिक ब्लू की प्रजाति को बचाना चाहता है लिहाज़ा इस नर तोते को अपनी ही प्रजाति की फीमेल तोते से मिलवाने शहर ले जाता है। मगर ये भनक पक्षियों के स्मगलर्स को लग जाती है। 'रियो' में बच्चों की मासूमियत है….पक्षियों का रोमांस है, उनकी बदमाशी है…और इंसानी दोस्तों से बिछड़ाव और मेल मिलाप भी। फिल्म थ्री डी एनिमेशन है। थ्री डी क्वालिटी इतनी अच्छी है कि आप पक्षियों को अपने सिर पर से उड़ते पाएंगे। एनिमेशन सॉफ्ट टच। 'रियो' के हिन्दी डब्ड वर्जन में कई हिन्दी फिल्मी डायलॉग्स हैं जैसे….पापी पेट का सवाल है…ये हुई ना मर्दों वाली बात….मामा ऑल इज़ वेल….और कुड़ी जो मेरा दिल ले उड़ी। हॉलीवुड फिल्म में पक्षियों के मुंह से ये सब सुनकर बच्चे तो क्या बड़ों की हंसी भी छूटेगी। बॉलीवुड गायक शान सुनिधि चौहान, साउथ के स्टार मोहनलाल, विनय पाठक और रणवीर शौरी ने हिन्दी 'रियो' को आवाज़ दी है। हालांकि 96 मिनिट की ये फिल्म थोड़ी और छोटी हो सकती थी। मगर डायरेक्टर कार्लोस सल्डान्हा की 'रियो' एक प्यारी-सी मीठी…दिल को छूने वाली कहानी है। 'रियो' के लिए मेरी रेटिंग है 3 स्टार।


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