यह ख़बर 07 नवंबर, 2012 को प्रकाशित हुई थी

शाहरुख को 'किंग ऑफ रोमांस' नहीं, 'बादशाह' कहलाना पसंद

खास बातें

  • शाहरुख ने कहा, 'डॉन' में एक्टिंग करके मुझे काफी आनंद मिला और 'माई नेम इज खान' का किरदार भी काफी पसंद है। मैं एक अभिनेता के तौर पर जाना जाना चाहता हूं।
मुंबई:

'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे', 'दिल तो पागल है' और 'कुछ कुछ होता है' जैसी कई रोमांटिक फिल्में देकर सुपरस्टारडम हासिल करने के बावजूद शाहरुख को 'किंग ऑफ रोमांस' कहलाना पसंद नहीं है।

उन्होंने 1992 में आई फिल्म 'दीवाना' से बॉलीवुड में अपना शुरू किया था। इसके बाद शाहरुख ने 'डर', 'बाजीगर' और 'अंजाम' जैसी सफल फिल्में दीं, जिसमें उन्होंने नकारात्मक छवि वाला किरदार निभाया था। लेकिन 1995 में आई फिल्म 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे' ही वह फिल्म थी, जिससे शाहरुख की रोमांटिक हीरो वाली छवि बनी।

हाल ही में शाहरुख 47 वर्ष के हो चुके हैं और उनका मानना है कि एक अभिनेता के रूप में उनमें और भी बहुत कुछ बाकी है। शाहरुख ने बताया, मैं इस बात को मानता हूं कि लड़कियां मुझे रोमांटिक किरदारों में पसंद करती हैं। मैं उन सभी का आदर करता हूं, लेकिन मैं 'किंग ऑफ रोमांस' की बजाय 'बादशाह' कहलाना ज्यादा पसंद करूंगा। मैं एक अभिनेता हूं। मैंने 75 फिल्में की हैं और इंडस्ट्री में 21 साल बिताए हैं।

उन्होंने कहा, मुझे 'किंग ऑफ रोमांस' कहलाना पसंद नहीं। 'डॉन' को करके मुझे काफी आनंद मिला। मुझे 'माई नेम इज खान' का किरदार भी काफी पसंद है। मैं एक अभिनेता के तौर पर जाना जाना चाहता हूं।

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शाहरुख को 'स्वदेस', 'चक दे इंडिया' और 'माई नेम इज खान' जैसी फिल्मों में उनकी भूमिकाओं के लिए खूब प्रशंसा भी मिली। अभिनेता का मानना है कि उन्हें रोमांटिक छवि तक ही सीमित नहीं किया जाना चाहिए।

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