यह ख़बर 09 जुलाई, 2014 को प्रकाशित हुई थी

चिंकारा शिकार मामले में सलमान को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती देने वाली राजस्थान सरकार की याचिका पर अभिनेता सलमान खान को एक नोटिस जारी किया है, जिसमें काला हिरण शिकार मामले में उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगा दी गई थी।

न्यायाधीश न्यायमूर्ति एसजे मुखोपाध्याय की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने खान से चार सप्ताह के भीतर अपना जवाब दाखिल करने को कहा है। एक निचली अदालत ने खान को पांच साल जेल की सजा सुनाई थी।

राज्य सरकार ने राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। राजस्थान हाईकोर्ट ने मामले में 2006 की उनकी दोषसिद्धि पर पिछले साल 12 नवंबर को रोक लगा दी थी और उनके लिए ब्रिटिश वीजा के वास्ते आवेदन करने का रास्ता तैयार हो गया था।

ब्रिटिश आव्रजन नियमों के मुताबिक, किसी भी व्यक्ति को चार साल से ज्यादा की सजा सुनाए जाने पर वह वीजा के लिए पात्र नहीं होता। चूंकि अभिनेता को पांच साल के लिए सजा सुनाई गई थी इसलिए ब्रिटिश दूतावास ने उन्हें वीजा देने से इनकार कर दिया था। भारतीय अभियुक्तों के पासपोर्ट पर ‘कनविक्ट’ लिखी मुहर लगाई जाती है। काला हिरण एक संरक्षित पशु है और इसका शिकार करना अपराध है।

26-27 सितंबर 1998 और 28-29 सितंबर, 1998 की दरम्यानी रात को क्रमश: भवाड़ में दो चिंकारा और घोड़ा फार्मों में काले हिरण के शिकार के अलग-अलग मामलों में खान दोषी पाए गए थे और उन्हें एक साल और पांच साल कारावास की सजा सुनाई गई।

सलमान ने निचली अदालत द्वारा उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगाने की मांग करते हुए वर्ष 2007 में हाईकोर्ट का रुख किया था ताकि वे ब्रिटिश वीजा के लिए फिर से आवेदन कर सकें।

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खान के साथ ही अभिनेता सैफ अली खान, अदाकारा सोनाली बेंद्रे, तब्बू और नीलम पर फिल्म ‘हम साथ साथ हैं’ की शूटिंग के दौरान जोधपुर के निकट शिकार करने का आरोप है।