ऋचा चड्डा से जानिए ‘बिग बी’ बीमारी के बारे में जिसने फिल्म इंडस्ट्री को घेर रखा है…

ऋचा चड्डा से जानिए ‘बिग बी’ बीमारी के बारे में जिसने फिल्म इंडस्ट्री को घेर रखा है…

ऋचा चड्ढा (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

अभिनेत्री ऋचा चड्ढा ने बॉलीवुड की उस लत का ज़िक्र किया जिससे इंडस्ट्री की कई हस्तियां जूझ रही हैं। खान-पान की आदत में लगातार होने वाली गड़बड़ी जिसे 'बुलिमिया' कहते हैं और इंडस्ट्री में इसे ‘बिग बी’ भी कहा जाता है। 'मसान' और 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' फिल्म में अपने अभिनय के लिए तारीफ बटोर चुकीं ऋचा ने एनडीटीवी से बातचीत में इस बीमारी के बारे में जिक्र किया और कहा कि पश्चिम की देखा देखी भारत में सुंदरता की परिभाषा बदल रही है और हैरानी की बात है कि इसके लिए क्या कुछ नहीं किया जा रहा है।

आपबीती बताते हुए ऋचा कहती हैं ‘जब भी मुझसे वजन बढ़ाने, घटाने, फिर बढ़ाने के लिए कहा जाता, अपने होंठ, अपने नाक, अपने स्तनों के आकार बदलने के लिए कहा जाता तो मैं बहुत ज्यादा दबाव महसूस करती और मेरा आत्मविश्वास डगमगाने लगता।‘ ऋचा कहती हैं कि फिल्म जगत में 'इटिंग डिसऑर्डर्स' (भोजन विकार) एक गुप्त रहस्य है जिसे 'बिग बी' 'बुलिमिया' के नाम से पुकारते हैं।

हाल ही में ऋचा ने TEDx Talk में अपने इस अनुभव के बारे में बात की थी और बुलिमिया के बारे में जानकारी दी थी कि इसमें आप लगातार खुद के रूप रंग से नफरत करते हैं, आप जो भी खाते हैं उसे उल्टी के जरिए बाहर निकाल देते हैं। आप उदास रहने लगते हैं और बहुत हद तक खुद को अयोग्य मान लेते हैं।

इसी विषय पर ऋचा ने एनडीटीवी की पत्रकार बरखा दत्त से बात करते हुए कहा कि जब आप एक एक्टर बन जाते हैं तो आपको खाना छोड़ना पड़ता है। आपको रोटी, सब्जी और दाल खाना छोड़ना पड़ता है। आपको प्रोटीन, अच्छे कार्ब्स, अच्छा फैट, अच्छे कोलेस्ट्रॉल और सबकुछ खाना शुरू करना पड़ता है।

'बुलिमिया' पर अपने अनुभव शेयर करती हुईं ऋचा कहती हैं कि ‘मैंने देखा कि हफ्ते में एक बार, दो बार या कभी तीन बार, और फिर लगभग रोज मैं 'बुलिमिया' से लड़ रही हूं। ऐसा मेरा साथ तब होता है जब मैं ज्यादा खा लेती हूं, फिर मैं सही से सो नहीं पाती या फिर मुझे वर्क आउट करना पड़ता है। मैंने नोटिस किया कि ऐसा मेरे साथ हफ्ते में एक बार हुआ, फिर दो और फिर तीन बार। उसके बाद यह रोजना लंच के बाद होने लगी।         

ऋचा कहती हैं ‘मैं कुछ भी खाने के बाद खुद को कसूरवार समझने लगी थी। मुझे लगा जैसे मैं पागल होती जा रही हूं और एक वक्त तो मैंने यह भी सोच लिया था कि मैं इतनी व्यस्त रहती हूं तो क्यों न बैठकर खाने से अच्छा, कुछ दवाई या ड्रिप वगैरह चढ़वा लूं।‘ ऐसा नहीं है कि यह सोच और खाने की आदत में यह गड़बड़ी सिर्फ अभिनेत्रियों तक ही सीमित है। ऋचा ने बताया कि वह कुछ ऐसे अभिनेताओं को भी जानती हैं जो बुलिमिया से पीड़ित हैं। देश की महिलाओं और युवतियों को ऋचा की सलाह यही है कि बड़े पर्दे और पत्रिकाओं के छलावे में मत फंसिए। पुरुषों की नज़र खुद पर मत पड़ने दीजिए।
 


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