गुजरात विधानसभा चुनाव के पहले चरण का धुआंधार चुनावी प्रचार अभियान गुरुवार की शाम थम गया. 9 दिसंबर को होने वाले पहले चरण की वोटिंग से पहले वोटरों को लुभाने के लिए भाजपा और कांग्रेस ने चुनाव प्रचार के दौरान सारे हथकंडे अपनाए. कांग्रेस और भाजपा ने जाति, धर्म जैसे भावनात्मक मुद्दों और विकास सहित तमाम विषयों पर एक दूसरे को घेरा. बता दें कि चुनाव को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई बताया जा रहा है जबकि जल्द ही कांग्रेस अध्यक्ष का पद संभालने जा रहे राहुल गांधी के लिए यह एक अग्निपरीक्षा है.
इस पोस्टर के साथ ये अपील भी लिखी है कि मुस्लिम एकता को बनाए रखने के लिए अहमद पटेल को गुजरात का वजीर ए आज़म चुनने के लिए कांग्रेस को वोट दें, लेकिन खुद अहमद पटेल ने इन पोस्टर्स को झूठा करार दिया है और कहा है कि वह मुख्यमंत्री पद के दावेदार नहीं हैं.
गुजरात विधानसभा चुनाव के प्रचार के आखिरी दौर में पीएम मोदी ने आज सूरत में रैली की. मोदी ने कहा कि मुख्यमंत्री रुपाणी की सरकार ने गरीबों को 10 रुपये में खाना दिया.
बीजेपी उम्मीदवार शैलेष मेहता ने कहा कि मैं अपने विरोधी उम्मीदवार की तरह मस्जिद और मदरसों में 1 रुपया नहीं दूंगा. शैलेष डभोई विधानसभा से लड़ रहे हैं, जो नर्मदा जिले की सीट है.
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी हर दिन प्रधानमंत्री से एक सवाल पूछ रहे हैं. गुजरात विधानसभा चुनावसे पहले अपने प्रचार के दौरान मोदी सरकार से लगातार पूछे जा रहे अपने सवालों का सिलसिला जारी रखते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने एक और सवाल दागा है.
ओपिनियन पोल में बीजेपी राज्य की 182 सीटों में से 105-106 सीटों पर जीत मिलती दिख रही है. इन तीनों ओपिनियन पोल के मुताबिक, कांग्रेस 73-74 सीटों के साथ फिर विपक्ष में बैठेगी.
एक तरफ़ गुजरात में बीजेपी नेताओं का प्रचार जारी है वहीं दूसरी तरफ़ राहुल गांधी ने दूसरे दौर के प्रचार के लिए कमर कस ली है. राहुल गांधी इस बार लगातार 4 दिनों की गुजरात यात्रा पर होंगे राहुल 8 दिसंबर से 11 दिसंबर तक गुजरात के अलग-अलग इलाक़ों में लोगों को संबोधित करेंगे.
कांग्रेस ने अगर जैमर की मांग की है तो बीजेपी और भी ज्यादा हैलीकॉप्टर पैड की मंजूरी चाहती है. गांधीनगर के चुनाव आयोग दफ्तर तक हर रोज नई मांग पहुंच रही है.
गुजरात विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए प्रचार का गुरुवार को आखिरी दिन है. पहले चरण के लिए मतदान 9 दिसंबर को होगा. प्रधानमंत्री मोदी के लिए ये चुनाव प्रतिष्ठा का है. वहीं कांग्रेस अध्यक्ष का पद संभालने जा रहे राहुल गांधी के लिए ये चुनाव लिटमिस टेस्ट है.
भाजपा सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त ने गुरुवार को आगामी गुजरात चुनावों को ‘राम राज्य’ बनाम ‘रोम राज्य’ के बीच जंग बताया और दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम राज्य के प्रतीक हैं.
गुजरात विधानसभा के पहले चरण के चुनाव के लिए प्रचार अभियान आज समाप्त हो जायेगा. इस चुनाव को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व के लिए एक परीक्षा के रूप में देखा जा रहा है.
शिवसेना ने पीएम मोदी और राहुल गांधी पर बड़ा बयान दिया है. शिवसेना ने कहा कि गुजरात विधानसभा चुनाव ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को एक नेता में तब्दील कर दिया है. उनका मंदिरों में जाना 'हिंदुत्व के लिए जीत' है. साथ ही उसने कहा कि राहुल गांधी अब 'पप्पू' नहीं रहे. भाजपा को बड़े मन से यह स्वीकार करना चाहिए.
गुजरात के धंधुका में पीएम मोदी ने चुनावी रैली के दौरान कांग्रेस पर हमला बोला. इस रैली के दौरान उन्होंने ट्रिपल तलाक पर अपनी खमोशी की वजह भी बताई. साथ ही कपिल सिब्बल के सुप्रीम कोर्ट में 2019 तक सुनवाई टालने की दलील पर भी कांग्रेस पर हमला बोला.
अहमदाबाद के धंधुका में पीएम मोदी ने कहा कि एक परिवार ने डॉ बाबा साहेब अम्बेडकर और सरदार पटेल के साथ सबसे बड़ा अन्याय किया है. उन्होंने कहा कि जब पंडित नेहरू का कांग्रेस पर प्रभाव बढ़ा तो कांग्रेस ने यह सुनिश्चित किया कि डॉ.अम्बेडकर को संविधान सभा में शामिल होने में कठिनाई हुई.
गुजरात विधानसभा चुनाव में अब कुछ दिन ही बच गये हैं कि ऐसे में ओखी तूफान का गुजरात की तरफ आना न सिर्फ राजनीतिक पार्टियों के लिए चुनाव प्रचार की दृष्टि से चिंता का सबब है, बल्कि इस तूफान ने चुनाव आयोग का सिरदर्द भी बढ़ा दिया है. चुनाव आयोग ने अरब सागर से उठे चक्रवाती तूफान ओखी के गुजरात की तरफ बढ़ने की आशंका को देखते हुये राज्य में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को अबाध चुनाव प्रक्रिया में इस प्राकृतिक बाधा की आशंका से निपटने के लिये स्थानीय प्रशासन को पुख्ता इंतजाम करने को कहा है.
यूपी निकाय चुनाव में भाजपा के टिकट पर जीत कर आए नए मेयरों को फिलहाल अपने शहरों की नहीं, गुजरात की चुनौती उठानी है. शायद पहली बार ऐसा होगा कि मेयर के चुनाव जीते लोगों को दूसरे राज्यों में प्रचार के लिए भेजा जाए. यही वजह है कि मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे मुलाकात की. हालांकि, ये अलग बात है कि ओखी तूफान की वजह से इस दौरे को फिलहाल टाल दिया गया है.
गुजरात विधानसभा चुनाव के 'रण' में विजयी पताका लहराने के लिए सभी पार्टियां एड़ी-चोटी का दम लगा रही हैं. कांग्रेस, भाजपा, बसपा सरीखीं कई पार्टियां चुनाव में जीत का सेहरा अपने नाम करने के लिए एक से बढ़ कर एक चुनावी कसीदे पढ़ रही हैं. भ्रष्टाचार और ईमानदारी का चोला पहन भाजपा और कांग्रेस अपने-अपने प्रत्याशियों के लिए धुआंधार चुनावी रैलियां कर रही हैं, मगर जब हकीकत पर नजर दौड़ाएंगे तो आप पाएंगे कि ये सभी पार्टियां रैलियों में वोटर्स को लुभाने के लिए खोखले और झूठे वादे कर रही हैं.
गुजरात में चुनाव प्रचार अपने चरम पर है और पहले चरण की वोटिंग में अब चंद ही दिन बचे हैं, लेकिन इसी बीच चक्रवात तूफान 'ओखी' ने गुजरात का रुख कर लिया है. इससे चुनाव अभियान पर जबरदस्त असर हुआ है. राजुला में जिस मैदान पर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की रैली होनी थी, वहां लबालब पानी भर गया. अमित शाह की तीन और रैलियां रद्द करनी पड़ीं. बीजेपी के दूसरे स्टार प्रचारकों की करीब आधा दर्जन रैलियां भी तूफान की भेंट चढ़ गईं.