यह ख़बर 25 दिसंबर, 2012 को प्रकाशित हुई थी

वीरभद्र बने हिमाचल के मुख्यमंत्री, नौ मंत्रियों ने ली शपथ

खास बातें

  • कांग्रेस के वरिष्ठ नेता वीरभद्र सिंह रिकॉर्ड छठी बार हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री बन गए हैं। मंगलवार को उन्होंने 20 हजार से अधिक समर्थकों की उपस्थिति में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उनके साथ नौ और विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली।
शिमला:

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता वीरभद्र सिंह रिकॉर्ड छठी बार हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री बन गए हैं। मंगलवार को उन्होंने 20 हजार से अधिक समर्थकों की उपस्थिति में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उनके साथ नौ और विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली।

हिमाचल प्रदेश की राज्यपाल उर्मिला सिंह ने एक समारोह में 78 वर्षीय वीरभद्र को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। उन्होंने हिन्दी में शपथ ली। वीरभद्र वर्ष 1983, 1985, 1993, 1998 और वर्ष 2003 में यहां के मुख्यमंत्री रहे। इस दौरान वह 16 वर्षों से अधिक समय तक इस पर्वतीय राज्य के मुख्यमंत्री रहे।

मुख्यमंत्री के साथ शपथ लेने वाले मंत्रिमंडल के अन्य सदस्यों में आठ बार विधायक रह चुकीं विद्या स्टोक्स व कौल सिंह, चार बार विधायक रह चुके जीएस बाली, छह बार विधायक रहे सुजान सिंह पठानिया, पांच बार विधायक रह चुके ठाकुर सिंह भारमौरी, तीन बार विधायक रह चुके मुकेश अग्निहोत्री, सुधीर शर्मा व प्रकाश चौधरी तथा एक बार विधायक रह चुके धनी राम शांडिल शामिल हैं। शांडिल कांग्रेस कार्य समिति के सदस्य भी हैं।

मुख्यमंत्री ने बाद में संवाददाताओं से कहा कि मंत्रिमंडल में दो पद रिक्त हैं। इन्हें जल्द ही भरा जाएगा और मंत्रियों के कार्यभार का बंटवारा एक-दो दिन में कर दिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि वह प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में अपने पद से जल्द ही इस्तीफा दे देंगे। वीरभद्र फिलहाल लोकसभा के सदस्य हैं, जिससे वह इस्तीफा देंगे।

मंत्रिमंडल में शामिल किए गए नए चेहरे अग्निहोत्री, शर्मा, भारमौरी हैं, जो जनजातीय क्षेत्र से आते हैं। इसके अतिरिक्त दो बार लोकसभा के सदस्य रह चुके शांडिल भी नया चेहरा हैं। वह दलित समुदाय से आते हैं।

वीरभद्र ने कांग्रेस सचिव व विधायक आशा कुमारी को मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया है। पार्टी में आशा की गिनती वीरभद्र के आलोचकों में होती है।

पूर्व मुख्यमंत्री, भाजपा के प्रेम कुमार धूमल तथा उनके मंत्रिमंडल में शामिल रहे सदस्यों ने शपथ-ग्रहण समारोह में हिस्सा नहीं लिया। समारोह में कांग्रेस का कोई केंद्रीय मंत्री भी नहीं पहुंचा।

नए मंत्रिमंडल में कांगड़ा से तीन मंत्री हैं, जो सबसे बड़ा जिला है। यहां से विधानसभा की 15 सीटें हैं। शिमला और मंडी से दो-दो और चम्बा, ऊना तथा सोलन जिलों से एक-एक सदस्यों को नए मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है।

वीरभद्र ने सुबह 10.40 बजे राज्य के 13वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। उन्होंने पहली बार आठ अप्रैल, 1983 को मुख्यमंत्री का पदभार ग्रहण किया था। उन्होंने ठाकुर रामलाल का स्थान लिया था।

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वीरभद्र का ताल्लुक पूर्व रियासत रामपुर बुशहर से है। उन्होंने 28 वर्ष की उम्र में राजनीति में कदम रखा था।