अल्पेश ठाकोर कांग्रेस की टिकट से विधायक बने थे
गुजरात में कांग्रेस से नाराज चल रहे विधायक अल्पेश ठाकोर ने दावा किया है कि राज्य में कांग्रेस के 15 से ज्यादा विधायक पार्टी छोड़ने वाले हैं. उन्होंने कहा है कि कांग्रेस से हर कोई नाराज और असंतुष्ट हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा, 'देखो और इंतजार करो'. अल्पेश ठाकोर ने कहा कि यह मेरी फैसला और अंतरात्मा की आवाज थी कि मुझे यहां (कांग्रेस) नहीं रहना है. मुझे अपने और गरीबों के लिए सरकार की मदद से काम करना है. अल्पेश ने कहा, 'हमारे लोग गरीब और पिछड़े हैं. उनको सरकारी मदद की जरूरत है. मैं भी निराश हूं मैं उन लोगों को वह सब न दे सका जिसका मेरा इरादा था. मेरा संगठन उनकी आवाज है. मुझे ऐसी जगह रहने की जरूरत नहीं है जहां सम्मान न मिले और लोगों के अधिकारों की बात न हो'. आपको बता दें कि गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले बड़े ही जोर शोर से अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के नेता अल्पेश ठाकोर कांग्रेस में शामिल हुए थे. 2017 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर राधनपुर सीट से निर्वाचित हुए थे. उन्होंने गत 10 अप्रैल को यह दावा करते हुए पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था कि वह और उनके ठाकोर समुदाय को कांग्रेस की ओर से अपमान और धोखा मिला है.
Alpesh Thakor: It was our decision & the voice of my conscience that we don't want to be here. We want to work for our people & the poor with help of the govt...Wait and watch, more than 15 MLAs are leaving Congress, everyone is distressed. More than half of the MLAs are upset. https://t.co/3HtNhItl3e
— ANI (@ANI) May 28, 2019
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गुजरात कांग्रेस इकाई प्रमुख अमित चावड़ा ने कहा कि कांग्रेस ने अल्पेश ठाकोर (Alpesh Thakor) की एक विधायक के तौर पर सदस्यता समाप्त कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. अल्पेश ठाकोर ने यद्यपि न तो कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से और ना ही विधानसभा से ही इस्तीफा दिया है. वह ठाकोर समुदाय के संगठन ठाकोर सेना के प्रमुख भी हैं. ठाकोर ने जब पार्टी पदों से इस्तीफा दिया था तब उस समय वह बिहार के लिए अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के प्रभारी थे. इसके साथ ही वह लोकसभा चुनाव के लिए गुजरात कांग्रेस की कई प्रमुख समितियों के सदस्य भी थे.
कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद ठाकोर ने 'ठाकोर सेना' के उम्मीदवारों के लिए प्रचार करना शुरू कर दिया था जो कि बनासकांठा लोकसभा सीट के साथ ही ऊंझा विधानसभा उपचुनाव में निर्दलीय के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं. अमित चावड़ा ने संवाददाताओं से कहा, 'अल्पावधि में ही कांग्रेस ने उन्हें पार्टी में महत्वूपर्ण पद दिए. गुजरात की राजनीति में यह अप्रत्याशित था. यद्यपि पार्टी में इतना सम्मान मिलने के बावजूद उन्होंने अपनी निजी महत्वाकांक्षा को पार्टी हित के ऊपर रखने का चयन किया. पार्टी में ऐसे व्यक्ति के लिए कोई स्थान नहीं.'
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