मधुमेह शरीर का एक चयापचय विकार है, जहां शरीर इंसुलिन की जरूरी मात्रा का उत्पादन करने में विफल रहता है. भोजन में शर्कर को ग्लूकोज में बदलने के लिए इंसुलिन महत्वपूर्ण है, जो बदले में शरीर को ऊर्जा की आपूर्ति करने के लिए उपयोग किया जाता है. पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन नहीं करने या इंसुलिन के लिए शरीर को अनुत्तरदायी नहीं बनाने से ऊंचा रक्त शर्करा का स्तर बढ़ सकता है. इस स्थिति को मधुमेह कहा जाता है.
मधुमेह से जुड़े खतरे
लाइस्टाइल कोच विवेक स्लारीआ के अनुसार वैश्विक औसत 8.5 फीसदी होते हुए, भारत में डायबिटीज की व्यापकता 11.8 फीसदी है. डायबिटीज के कारण किडनी फेल होना, हार्ट अटैक आना एवं स्ट्रोक आने जैसी स्थिति बन सकती है.
पांच ऐसे योगासन जो डायबिटीज मैनेजमेंट में बहुत लाभकारी हैं (5 Yoga Poses To Cure Diabetes And Lower Blood Sugar Levels)
1. धनुरासन: धनुरासन पेट के बल किया जाने वाला आसन है. यह आसन आपके पेट की एक सौम्य मालिश करता है. एक शोध में यह सिद्ध हुआ है कि धनुरासन डायबिटीज नियंत्रण में बहुत ही लाभकारी है. पेट की चर्बी को काम करने के साथ-साथ धनुरासन आपके पैंक्रियास (आमाशय) के क्रियाकलापों को भी प्रभावित करता है. इसके प्रभाव से इन्सुलिन का संचार भी नियमित तथा नियंत्रित होता है.
2. जठर परिवर्तनासन: यह कमर के बल लेट कर दोनों पैरों को मोड़कर दाईं व बायीं ओर पैरों को ले जाने का अभ्यास है. जठर परिवर्तनासन शरीर में नियमित तौर पर जमा हो रहे तनाव को कम करने में काफी लाभकारी है. यह आसन पेट के आसपास की मांसपेशियों में खिंचाव लाता है.इस कारण वहां व्याप्त ग्लूकोस के स्तर में कमी आती है. यह अभ्यास पेट में जमा चर्बी को भी कम करता है, तथा पेट को शेप में रखता है.
3. कोणासन (अर्ध-कटिचक्रासन): डायबिटीज मैनेजमेंट में कोणासन एक महत्त्वपूर्ण तथा कारगर अभ्यास है. इसमें आप अपने शरीर को दायीं तथा बायीं ओर झुकाते हैं. इस आसन के अभ्यास से पीठ, फेफड़े, पेट तथा आँतों में रक्त संचार बढ़ता है, जिस कारण शरीर में ब्लड ग्लूकोस का जो स्तर है, उसमें कमी आती है.
4. वज्रासन: ‘वज्र' का अर्थ होता है ‘इंद्र का अस्त्र' या ‘हीरा'. शरीर को आँतरिक तौर पर मज़बूत बनाने वाला वज्रासन, मधुमेह नियंत्रण में भी काफी लाभप्रद है. वज्रासन, आपके पाचन तंत्र (दीजेस्टिव सिस्टम) को बहुत मज़बूत बना देता है, जिस कारण से, शरीर में अपच की समस्या धीरे-धीरे समाप्त होने लगती है. इस कारण, आमाशय(पैंक्रियास) पर जो ज्यादा ज़ोर पड़ रहा होता है, उसमें कमी आती है, और शरीर का मेटाबोलिज्म सामान्य होता है.
5. वक्रासन: वक्रासन कमर को मोड़ने का अभ्यास है. इस अभ्यास में आप, ज़मीन पर बैठ कर अपनी कमर तथा पेट को मरोड़ते हैं. यह अभ्यास आपके मेरुदंड तथा कमर पर सीधा प्रभाव डालता है. इस अभ्यास से आपका पेट, कमर, किडनी, पैर, कंधे, तथा गर्दन प्रभावित होते हैं. इसके अभ्यास से डायबिटीज से निजात मिलती है.
डायबिटीज मैनेजमेंट के लिए किये गए ये अभ्यास शोध में कारगर पाए गए हैं तथा डायबिटीज की रोकथाम में अत्यंत लाभकारी हैं.
(विवेक स्लारीआ लाइस्टाइल कोच, ग्रीनलाते और टी.डब्लू चैलन्ज के संस्थापक)
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