Reported by Sunil Prabhu, डॉ मनमोहन सिंह, जो 1991 में वित्त मंत्री थे, उन्होंने आयात शुल्क में कटौती, कम करों, अधिक विदेशी निवेश और अन्य उपायों से भारत की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दिया, जिससे अंततः अर्थव्यवस्था का उदारीकरण हुआ, और उसी के परिणाम सहस्राब्दी के अंत में देखे गए जब देश का विकास आसमान छूने लगा.