शेयर बाजार में 2020-21 में निवेशकों की सम्मत्ति में 90.82 लाख करोड़ की भारी वृद्धि

वित्त वर्ष 2020-21 में बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का शेयर-मूल्य के आधार पर कुल मूल्यांकन 90,82,057.95 करोड़ रुपये बढ़कर 2,04,30,814.54 करोड़ रुपये तक पहुंच गया.

शेयर बाजार में 2020-21 में निवेशकों की सम्मत्ति में 90.82 लाख करोड़ की भारी वृद्धि

शेयर बाजार का बैरोमीटर माना जाने वाले बीएसई30 सेंसेक्स में 68 प्रतिशत की वृद्धि हुई है (सांकेतिक तस्वीर)

नई दिल्ली:

घरेलू शेयर बाजार में शेयरों का भाव बढ़ने से निवेशकों की संपत्ति में वित्त वर्ष 2020-21 में 90,82,057.95 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई. इस दौरान शेयर बाजार का बैरोमीटर माना जाने वाले बीएसई30 सेंसेक्स में 68 प्रतिशत की वृद्धि हुई. इस अभूतपूर्व तेजी के दौर में सेंसेक्स 20,040.66 अंक या 68 प्रतिशत लाभ में रहा. कोविड-19 महामारी की वजह से घरेलू और वाह्य आर्थिक जगत में विभिन्न व्यवधानों और अनिश्चितताओं के बावजूद स्थानीय शेयर बाजार जबरदस्त तेजी में रहा. बाजार विश्लेषकों ने वर्ष 2020-21 को, न केवल भारतीय बाजारों के लिए बल्कि वैश्विक स्तर पर इक्विटी सूचकांकों के लिए एक भारी उतार चढ़ाव वाला दौर करार दिया. इस दौरान शुरु में स्थानीय बाजार गिरावट चल रही थी. वित्तवर्ष के उत्तरार्ध में बाजार में फिर से तेजी लौटी है और निवेशकों को भारी लाभ हुआ.

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वित्त वर्ष 2020-21 में बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का शेयर-मूल्य के आधार पर कुल मूल्यांकन 90,82,057.95 करोड़ रुपये बढ़कर 2,04,30,814.54 करोड़ रुपये तक पहुंच गया. इस साल तीन मार्च को, बीएसई-सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार मूल्य 2,10,22,227.13 करोड़ रुपये के अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था. जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज में मुख्य निवेश रणनीतिकार, वी के विजयकुमार ने कहा, ‘‘कोविड की रोकथाम के लिए लागू सार्वजनिक प्रतिबंधों को उत्तरोत्तर हटाए जाने और अर्थव्यवस्था में तेजी लौटने के साथ तेजड़ियों का उत्साह बढ़ा. टीकों की खोज और उससे जगी उम्मीद ने तेजड़ियों के उत्साह को और हवा दी. वैश्विक स्तर पर, नवंबर में बाजारों में भारी तेजी देखी गई. उभरते हुए बाजारों में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) के निवेश की बाढ़ सी आ गयी.'' बीएसई30 सेंसेक्स बुधवार को वित्तीय वर्ष 2020-21 के आखिरी दिन 627.43 अंक या 1.25 प्रतिशत घटकर 49,509.15 अंक पर बंद हुआ. निवेशकों ने वर्ष 2020-21 में उतार चढ़ाव की एक विस्तृत श्रृंखला देखी. इस वित्त वर्ष में सेंसेक्स नेरिकॉर्ड ऊंचाई को छुआ. तीन फरवरी को पहली बार बीएसई30 सूचकांक 50,000 अंक से ऊपर बंद हुआ था. यह उछाल केंद्रीय बजट से सृजित उत्साह से प्रेरित था. यह आठ फरवरी को 51,000 अंक के ऊपर बंद हुआ.

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सूचकांक 15 फरवरी को पहली बार 52,000 अंक से अधिक ऊंचाई पर गया था. वित्तीय वर्ष के दौरान लाये गये कई आरंभिक सार्वजनिक पेशकशों में से कई को बिक्री के लिए रखे शेयरों से काफी बढ़ चढ़कर अभिदान प्राप्त हुआ. ऐसे शेयरों में एमटीएआर टेक्नोलॉजीज, बर्गर किंग इंडिया और मिसेज़ बॉक्टर फ़ूड स्पेशिएलिटीज़ भी शामिल हैं, जिन्होंने बाजार की धारणा में सुधार किया. रिलायंस इंडस्ट्रीज 12,69,917.01 करोड़ रुपये के बाजार पूंजीकरण के साथ देश की सबसे मूल्यवान कंपनी है, इसके बाद टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज का बाजार पूंजीकरण 11,75,410.56 करोड़ रुपये, एचडीएफसी बैंक का 8,23,360.73 करोड़ रुपये, इंफोसिस का 5,82,751.89 करोड़ रुपये और हिंदुस्तान यूनिलीवर का बाजार पूंजीकरण 5,71,132.95 करोड़ रुपये है. मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के खुदरा शोध प्रमुख, सिद्धार्थ खेमका ने कहा, ‘‘वित्तीय वर्ष समाप्त होने के साथ, निवेशक अब आगामी तिमाही परिणामों पर ध्यान केंद्रित करेंगे, जो अप्रैल के मध्य से शुरू होंगे. भारत में कोविड-19 की तेजी से फैलती दूसरी लहर पर चिंता है और संभावित लॉकडाउन की आशंका भी बनी हुई है.” उन्होंने कहा, “कुल मिलाकर बाजार के, ताजा सकारात्मक बाजार उत्प्रेरक के इंतजार में, कुछ समय के लिए बाजार में समयोजना होने की संभावना है.”

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)