नवजोत सिद्धू से मतभेद के बीच कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी से मिले पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह

आख़िरकार कांग्रेस आलाकमान ने कैप्टन को मीटिंग के लिए बुला लिया. पंजाब के सीएम, कैप्‍टन अमरिंदर सिंह, कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी से मुलाकात के लिए उनके दिल्‍ली स्थित निवास पर पहुंच गए हैं.  

नवजोत सिद्धू से मतभेद के बीच कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी से मिले पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह

सोनिया गांधी से मिलेंगे कैप्टन अमरिंदर सिंह

नई दिल्ली:

पंजाब कांग्रेस में अंदरूनी कलह के बीच राज्‍य के सीएम, कैप्‍टन अमरिंदर सिंह, कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी से मुलाकात के लिए उनके दिल्‍ली स्थित निवास पर पहुंच गए हैं.  अमरिंदर  सिंह चॉपर के जरिए चंडीगढ़ से उड़ान भरकर यहां पहुंचे. पंजाब में अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच लंबे समय से विवाद चला आ रहा है. मामले को हल करने के लिए कांग्रेस आलाकमान ने तीन सदस्यों की एक कमेटी भी बनाई थी, जिसके सामने सिद्धू और अमरिंदर सिंह दोनों पेश हुए थे. कमेटी ने राज्य के और भी कई विधायकों और सांसदों से भी बात की थी. इसके बाद सिद्धू ने राहुल और प्रियंका गांधी से भी मुलाक़ात की थी. माना जा रहा है कि  सिद्धू  को पंजाब कांग्रेस में बड़ा पद मिल सकता है.

पिछली बार गांधी परिवार से मिले बिना ही चले गए थे अमरिंदर सिंह

कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी के साथ अमरिंदर की मुलाकात उनके सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वी और आलोचक नवजोत सिंह सिद्धू के दिल्ली में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से मुलाकात के कुछ दिनों बाद हो रही है.पिछले हफ्ते अमरिंदर कांग्रेस आलाकमान की तीन सदस्यीय कमेटी के सामने पेश हुए थे हालांकि वह गांधी परिवार से मुलाकात के बिना ही दिल्ली से चले गए थे.

सिद्धू को बड़ी जिम्मेदारी मिलने की संभावना

सूत्रों के मुताबिक- पंजाब में सिद्धू को बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है, इसके लिए मुख्यमंत्री को भी साथ लाने की कांग्रेस की कोशिशों के मद्देनजर इस मुलाकात को देखा जा रहा है. दोनों के बीच तकरार को देखते हुए आलाकमान दोनों को ही सम्मानजनक तरीके से साधना चाहता है.

पंजाबः पॉवर कट पर अपनी ही सरकार को घेरने वाले सिद्धू पर 8 लाख का बिजली बिल बकाया

सिद्दू ने आज किया है ये ट्वीट

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उधर, सीएम के दिल्ली पहुंचने से पहले सिद्धू ने एक बार फिर ट्वीट करके बिजली मुद्दा उठाया.उन्होंने लिखा कि बिजली के तरीके से खरीद की वजह से पंजाब के लोगों का हजारों करोड़ बर्बाद हुआ है.मुफ्त बिजली के खोखले वादों का कोई मतलब नहीं है जब तक 'पंजाब विधानसभा में नए विधेयक' के ज़रिए बिजली खरीद समझौतों को रद्द न किया जाए. 300 यूनिट मुफ्त बिजली महज एक कल्पना है जब तक बिजली खरीद समझौतों के गलत प्रावधानों से पंजाब बंधा हुआ है.