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नई दिल्ली: दिल्ली में मॉल, सिनेमा हाल और यहां तक नर्सरी स्कूल भी खुल गए लेकिन दिल्ली विश्वविद्यालय अब तक नहीं खुला है. विश्वविद्यालय खोलने के लिए छात्र लगातार प्रदर्शन भी कर रहे हैं. हर रोज छात्र वीसी आफिस से लेकर शास्त्री भवन के बाहर तक प्रदर्शन कर रहे हैं. दिल्ली विश्वविद्यालय में देशभर के डेढ़ लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स पढ़ते हैं. साइंस डिपार्टमेंट में केवल रिसर्च स्कॉलर को ही आने की इजाजत है. ग्रामीण और भारत के दूरदराज इलाकों के छात्रों ने ऑनलाइन क्लास की कई समस्याएं गिनाईं.
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लोपा मुद्रा (स्नातक, जाकिर हुसैन कॉलेज) ने कहा कि बीते 16 महीने मैं और मेरे जैसे तमाम छात्रों के सामने कई समस्या है. खासतौर पर असम और कई राज्यों में रिसर्च संबंधी कई अध्ययन सामाग्रियों की कमी है, जिससे हमें दिक्कत होती है. इसलिए हम पूरी तरह से ऑनलाइन उपलब्ध पाठ्य सामाग्री पर निर्भर हैं. असम में तो कम लेकिन राज्यों में नेटवर्क सबंधी भी तमाम दिक्कतें रहती हैं.
हालांकि, दिल्ली विश्वविद्यालय ने पहले 16 अगस्त को यूनिवर्सिटी खोलने का फैसला लिया फिर DDMA की गाइड लाइन न होने से बंद कर दिया गया. अब यूनिवर्सिटी खोलने पर कार्यवाहक वीसी पीसी जोशी कई बार बैठक भी कर चुके हैं. उनका कहना है कि पहले लाइब्रेरी और प्रैक्टिकल विषयों को खोलने की प्रक्रिया शुरु की जाएगी. यूनिवर्सिटी को फेज मैनर में खोलने जा रहे हैं. आज ही हमारी वार्ता हुई लेकिन हम एक साथ यूनिवर्सिटी नहीं खोलेंगे. सबसे पहले हम लाइब्ररी खोलेंगे, फिर उन कोर्स की ऑफलाइन क्लास शुरू की जाएगी जो जरूरी हैं, प्रयोगात्मक विषयों की क्लास पहले शुरू की जाएगी.
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आइसा के सदस्य प्रसनजीत कहते हैं कि जिस तरह से सरकार की मंशा पिछले दिनों दिखी, उससे लगता है कि यूनिवर्सिटी को ऑनलाइन कर दिया जाएगा. उनका प्रस्ताव है कि ब्लंडरमोड लर्निंग के तहत 70 फीसदी क्लास ऑनलाइन कर दिया जाए. अब सब नॉर्मल है बाजार खुल चुका है, सिर्फ विश्वविद्यालय बंद है.