Mahaparinirvan Diwas: कोरोना के चलते सरकार ने चैत्यभूमि ना आकर ऑनलाइन दर्शन की अपील की

डॉ. भीमराव आंबेडकर की पुण्यतिथि को हर साल महापरिनिर्वाण दिवस के रूप में मनाया जाता है और चैत्यभूमि पर आकर लोग भीमराव आंबेडकर को नमन करते हैं और फूल अर्पित करते हैं.

Mahaparinirvan Diwas:  कोरोना के चलते सरकार ने चैत्यभूमि ना आकर ऑनलाइन दर्शन की अपील की

कोरोना के साये के बीच भी लोग दर्शन करने पहुंचे

मुंबई:

Dr. Babasaheb Ambedkar Mahaparinirvan Diwas: संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर का आज महापरिनिर्वांण दिवस है. हर साल 6 दिसंबर को इनकी पुण्यतिथि के दिन चैत्यभूमि पर बड़ी संख्या में उनके अनुयायी उनकी समाधि के दर्शन करने आते हैं. हालांकि इस साल कोरोना के कारण महाराष्ट्र सरकार ने लोगों को घरों में ही रहकर ऑनलाइन दर्शन करने को कहा है. कोरोना के फिर से बढ़ते खतरे को देखते हुए सरकार ने लोगों से वहां ना आकर घर में ही बैठकर ऑनलाइन दर्शन करने का आवाहन किया है. हालांकि सरकार के इस आवाहन के बावजूद भी कुछ संगठनों ने चैत्यभूमि पर आने की घोषणा की है और काफी संख्या में लोग इस जगह पहुंचे.

Koo App
संविधान शिल्पी ”भारत रत्न” श्रद्धेय बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर जी के #महापरिनिर्वाण_दिवस पर शत-शत नमन। उनके विचारों ने भारत की सामाजिक-आर्थिक नीतियों और कानूनी ढांचों में प्रगतिशील बदलाव किए। स्वतंत्रता, समानता व बंधुत्व के प्रयासों के लिए देश बाबा साहेब का सदैव कृतज्ञ रहेगा। - Om Birla (@ombirlakota) 6 Dec 2021

संगठनों की ओर से की गई इस घोषणा के चलते BMC ने जरूरी इंतजाम इस जगह पर किए हैं और पुलिस ने सुरक्षा पुख्ता कर दी है. इसी बची आज सुबह महाराष्ट्र के राज्यपाल, मेयर और कई मंत्रियों ने चैत्यभूमि पहुंचकर पुष्प अर्पण किए.

Koo App

डॉ. भीमराव आंबेडकर की पुण्यतिथि को हर साल महापरिनिर्वाण दिवस के रूप में मनाया जाता है और चैत्यभूमि पर आकर लोग भीमराव आंबेडकर को नमन करते हैं और फूल अर्पित करते हैं. गौरतलब है कि डॉ. भीमराव आंबेडकर ने हमारे संविधान की रचना की थी.

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

इनका जन्म 14 अप्रैल, 1891 को मध्य प्रदेश में हुआ था. वहीं 6 दिसंबर, 1956 में 65 साल की आयु में डॉ. भीमराव आंबेडकर ने अपने जीवन की अंतिम सांस ली थी. साल 1990 में उन्हें मरणोपरांत भारत रत्न सम्मान दिया गया था.