अफगान जेल में बंद ISIS में शामिल बेटी के प्रत्यर्पण के लिए पिता पहुंचे सुप्रीम कोर्ट, जानें क्या है पूरा मामला

सोनिया सेबेस्टियन के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत भी मामले हैं जो उनके भारत छोड़ने के बाद दर्ज किए गए थे. इंटरपोल ने उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी किया है.

अफगान जेल में बंद ISIS में शामिल बेटी के प्रत्यर्पण के लिए पिता पहुंचे सुप्रीम कोर्ट, जानें क्या है पूरा मामला

प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली:

केरल के वीजे सेबेस्टियन फ्रांसिस ने अपनी बेटी के प्रत्यर्पण के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. आतंकवादी समूह ISIS (इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया) में शामिल होने के लिए भारत छोड़ने के बाद उनकी बेटी को अफगानिस्तान में हिरासत में लिया गया था. उनकी बेटी सोनिया सेबेस्टियन और उसकी 7 साल की बेटी आयशा को अफगानिस्तान में हिरासत में लिया गया है. जब ISIS ने अमेरिका समर्थित अफगान बलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था. 

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सोनिया सेबेस्टियन के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत भी मामले हैं जो उनके भारत छोड़ने के बाद दर्ज किए गए थे. इंटरपोल ने उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी किया है. दरअसल, अब्दुल रशीद नाम के एक व्यक्ति के साथ रिश्ते में आने के बाद सोनिया सेबेस्टियन ने इस्लाम धर्म अपना लिया था. उसके माता-पिता ने रिश्ते का विरोध किया लेकिन वे भाग गए और शादी कर ली. बाद में वे दोनों अफगानिस्तान चले गए जहां ISIS में शामिल हो गए. 

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साल 2019 में अफगान सुरक्षा बलों और नाटो के नेतृत्व वाले रेसोल्यूट सपोर्ट मिशन द्वारा किए गए सैन्य अभियानों के दौरान राशिद की मौत हो गई थी. पिता की याचिका में कहा गया है कि बंदियों के प्रत्यावर्तन / प्रत्यर्पण की सुविधा नहीं देने का भारतीय सरकार का कदम अवैध और असंवैधानिक है. यह भी कहा गया है कि सरकार को आयशा के बच्चे को अपराधी या संभावित आतंकवादी के बजाय पीड़ित के रूप में देखना चाहिए. सरकार को बच्चे को उसकी मां के साथ घर वापस लाने के लिए सक्रियता से प्रयास करना चाहिए था. याचिका में यह भी कहा गया है कि भारत ने वर्ष 2016 में अफगानिस्तान के साथ प्रत्यर्पण संधि की थी.