अफगानिस्तान के हालात पर भारत करेगा महत्वपूर्ण वार्ता की मेजबानी, चीन और पाकिस्तान को किया आमंत्रित

अफगानिस्तान पर तालिबान के ​अधिग्रहण के बाद भारत उच्च स्तरीय क्षेत्रीय सुरक्षा वार्ता की मेजबानी करेगा. पिछले साल कोविड-19 महामारी के चलते दिल्ली क्षेत्रीय सुरक्षा संवाद का आयोजन किया किया गया था.

अफगानिस्तान के हालात पर भारत करेगा महत्वपूर्ण वार्ता की मेजबानी, चीन और पाकिस्तान को किया आमंत्रित

अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना के पीछे हटते ही तालिबान पर कब्जा कर लिया था

नई दिल्ली:

अफगानिस्तान पर तालिबान के ​कब्‍जे के बाद हुए घटनाक्रम पर बातचीत के लिए भारत उच्च स्तरीय क्षेत्रीय सुरक्षा वार्ता की मेजबानी करेगा. पिछले साल कोविड-19 महामारी के चलते दिल्ली क्षेत्रीय सुरक्षा संवाद का आयोजन किया किया गया था. इससे पहले यह वार्ता सितंबर 2018 और दिसंबर 2019 में आयोजित की गई थी. सूत्रों की मानें तो यह मीटिंग 10 नवंबर को आयोजित की जाएगी और इसकी अध्यक्षता राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल करेंगे.

अफगानिस्तान पर भारत में हो रहे सम्मेलन में पाकिस्तानी NSA का शिरकत करने से इंकार

सूत्रों से पता चला है कि भारत के निमंत्रण पर काफी अच्छी प्रतिक्रिया मिली है, मध्य एशियाई देशों के साथ- साथ रूस और ईरान ने भी अपनी भागीदारी की पुष्टि की है. यह पहली बार है कि न केवल अफगानिस्तान के निकटस्थ पड़ोसी, बल्कि सभी मध्य एशियाई देश इस वार्ता में हिस्सा ले रहे हैं.

सूत्रों का कहना है, "यह उत्साहजनक प्रतिक्रिया बताती है कि अफगानिस्तान में शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देने के क्षेत्रीय प्रयासों में भारत की भूमिका का क्या महत्व है." इस वार्ता के लिए चीन और पाकिस्तान को भी ​आमंत्रित किया गया है, लेकिन उनके जवाब अभी तक मिले नहीं हैं. हालांकि पाकिस्तान ने मीडिया को अपनी अनुपस्थिति के संकेत दिए हैं. 

नाम न बताने की शर्त पर सूत्र ने बताया, "पाकिस्तान का निर्णय दुर्भाग्यपूर्ण है, लेकिन आश्चर्यजनक नहीं है. यह अफगानिस्तान को अपने संरक्षक के रूप में देखने की उसकी मानसिकता को दर्शाता है. पाकिस्तान ने इस प्रारूप की पिछली बैठकों में भाग नहीं लिया है. भारत के खिलाफ इसकी मीडिया टिप्पणियां अफगानिस्तान में अपनी भूमिका से ध्यान हटाने का एक असफल प्रयास है."

श्रीनगर-शारजाह उड़ान GoFirst Flight को अपने एयरस्पेस से गुजरने की इजाज़त दे पाकिस्‍तान : भारत 

सूत्रों ने कहा कि अगले सप्ताह होने वाली बैठक में उच्च स्तरीय भागीदारी, अफगानिस्तान की स्थिति के बारे में देशों की व्यापक और बढ़ती चिंता और एक-दूसरे के साथ परामर्श और समन्वय करने की उनकी इच्छा को दर्शाती है. सूत्रों ने कहा इसमें भारत की महत्वपूर्ण भूमिका है. 

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

आतंकवाद के खिलाफ 20 साल के युद्ध के बाद अमेरिकी सैनिकों के देश छोड़ने के बाद तालिबान का अफगानिस्तान पर कब्‍जा विशेष रूप से भारत के लिए चिंता का विषय रहा है. भारत ने लंबे समय से यह दावा किया है कि पाकिस्तान जम्मू और कश्मीर में आतंकवादी हमलों के लिए अफगानिस्तान का उपयोग कर सकता है.