पिनारायी विजयन : राजनीति में प्रवेश से पहले बुनते थे कपड़े, खून लगी शर्ट लहराकर रची थी सियासी सफलता की दास्तां

Assembly Elections 2021: साल 2007 में पब्लिकली आरोप-प्रत्यारोप लगाने पर पार्टी ने दोनों को पोलित ब्यूरो से निलंबित कर दिया था. हालांकि, बाद में निलंबन वापस ले लिया गया था. 2016 में अच्युतानंदन ने अपनी अधिक उम्र की वजह से सीएम की दावेदारी छोड़ दी थी, तब विजयन सीएम बने थे.

पिनारायी विजयन : राजनीति में प्रवेश से पहले बुनते थे कपड़े, खून लगी शर्ट लहराकर रची थी सियासी सफलता की दास्तां

पिनाराई विजयन केरल के मुख्यमंत्री और सीपीआई(एम) के पोलित ब्यूरो के सदस्य हैं.

पिनारायी विजयन (Pinarayi Vijayan)केरल (Kerala) के मुख्यमंत्री और सत्ताधारी दल कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी) यानी सीपीआई(एम) के पोलित ब्यूरो के सदस्य हैं. 2016 के केरल विधान सभा चुनाव में उनकी पार्टी की अगुवाई वाले वाम गठबंधन ने विजयन के नेतृत्व में 140 सीटों में से 90 पर जीत दर्ज की थी.

साल 2016 के विधान सभा चुनावों में उन्होंने धर्मदाम सीट पर कांग्रेस के मंबरम दिवाकरन को हराया था.  2016 के असेंबली चुनाव से पहले विजयन ने राज्यव्यापी दौरा किया था और एलडीएफ के सत्ता में आने पर नए केरल के निर्माण का नारा दिया था. इस क्रम में उन्होंने जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं से रिश्ते बनाए और सत्तारूढ़ कांग्रेस गठबंधन से सत्ता छीन ली.

राजनीति की राह पकड़ने से पहले थे बुनकर
76 साल के विजयन सीएम बनने से पहले पार्टी के केरल छात्र संघ के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. इसके अलावा वो पार्टी स्टेट प्रेसिडेंट का भी पद संभाल चुके हैं. विजयन 1970, 1977, 1991 और 1996 में भी विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं. 1970, 1977 और 1991 में विजयन कुथुपरम्बा सीट से चुनाव जीतते रहे हैं. लेकिन 1996 में उन्होंने सीट बदल दी थी और पेन्नूर से चुनाव लड़ा था, जहां कांग्रेस के के एन कन्नोथ को शिकस्त दी थी. राजनीति की राह पकड़ने से पहले विजयन अपनी पढ़ाई पूरी कर हैंडलूम मिल में बुनकर के रूप में भी काम कर चुके हैं.

भवानीपुर सीट छोड़ रही हूं, नंदीग्राम से चुनाव लड़ूंगी : पश्चिम बंगाल की CM ममता बनर्जी

पूर्व सीएम अच्युतानंदन से रहा छत्तीस का आंकड़ा
1996 और 1998 के बीच उन्होंने राज्य की ई के नयनार सरकार के मंत्री के रूप में भी काम किया है. पूर्व मुख्यमंत्री वी एस अच्युतानंदन के वह खास सिपहसालार माने जाते थे लेकिन एक दौर ऐसा भी आया जब दोनों  एक-दूसरे के धुर विरोधी हो गए. 2002 में विजयन को पोलित ब्यूरो सदस्य बनने के बाद दोनों के रिश्तों में तल्खी आने लगी थी.

नंदीग्राम : पश्चिम बंगाल चुनाव का नया 'कुरुक्षेत्र' और 'हिन्दू लैब', ममता vs शुभेंदु अधिकारी की संभावना

साल 2007 में पब्लिकली आरोप-प्रत्यारोप लगाने पर पार्टी ने दोनों को पोलित ब्यूरो से निलंबित कर दिया था. हालांकि, बाद में निलंबन वापस ले लिया गया था. 2016 में अच्युतानंदन ने अपनी अधिक उम्र की वजह से सीएम की दावेदारी छोड़ दी थी, तब विजयन सीएम बने थे.

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

तब खून लगी शर्ट लहरा चमके थे विजयन
देश में 1975 में जब आपातकाल लगा था, तब पिनराई विजयन की उम्र मात्र 30 साल थी और वो सीपीआई (एम) के समर्पित कार्यकर्ता थे. उन्होंने बड़े जोर-शोर से आपातकाल का विरोध किया था, तब पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था. दावा किया जाता है कि उन्हें तब जेल में यातनाएं दी गई थीं और जब विजयन जेल से बाहर आए थे, तब उन्होंने यातना के दौरान खून लगे कपड़े को लहराकर भाषण दिया था.