टैक्स कटौती के बाद पेट्रोल-डीजल के रेट घटे, सरकार को होगा सालाना 1.4 लाख करोड़ रुपए का नुकसान

एक बात गौर करने लायक ये भी है कि अगर अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल के बाजार में कीमतें बढ़ती रहे तो उसके अनुपात में पेट्रोल डीजल भारत में महंगा होता रहेगा. 

टैक्स कटौती के बाद पेट्रोल-डीजल के रेट घटे, सरकार को होगा सालाना 1.4 लाख करोड़ रुपए का नुकसान

पेट्रोल-डीजल की कीमतों में हुई भारी कटौती ( फाइल फोटो)

नयी दिल्ली:

दीवाली के मौके पर देशभर में पेट्रोल-डीजल (Petrol-Diesel price) के दामों में कई राज्यों में गिरावट देखने को मिली. ऐसा भारत सरकार के एक्साइज ड्यूटी घटाने के कारण हुआ है. हालांकि भारत सरकार को इस कदम के बदले सालाना 1.4 लाख करोड़ रुपए का नुकसान उठाना होगा. पेट्रोल-डीजल की आसमान छूती कीमतों को कम करने के लिए सरकार ने यह कदम उठाए हैं. इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के अनुसार इसके कारण राजधानी दिल्ली में पेट्रोल की कीमत में 6.07 रुपए की गिरावट आई है, जिसके बाद अब एक लीटर पेट्रोल की कीमत 103.97 पैसे हो गई है. वहीं डीजल की कीमत में 11.75 रुपए की कटौती हुई है जिसके बाद डीजल की कीमत घटकर 86.67 रुपए प्रति लीटर हो गई है. 

बुधवार को पेट्रोल-डीजल की कीमतों ने अभी तक का उच्चतम स्तर छू लिया था. दिल्ली में पेट्रोल व डीजल की कीमत क्रमश: 110.04 रुपए और 98.42 रुपए प्रति लीटर हो गई थी. 

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सरकार के इस फैसले के बाद मुंबई में पेट्रोल 109.98 प्रति लीटर और डीजल 94.14 रुपए प्रति लीटर पर बेचा जा रहा है. वहीं चेन्नई में पेट्रोल की कीमतें अब 102 रुपए प्रति लीटर से नीच आ कर 101.40 रुपए प्रति लीटर हो गई हैं, जबकि डीजल 91.43 रुपए प्रति लीटर हो गया है. चारो मेट्रो शहरों में अगर कीमतों की तुलना की जाए तो इस समय मुंबई में पेट्रोल सबसे महंगा बिक रहा है. हर राज्य में ईंधन की कीमतें वैट के कारण अलग अलग हैं. अगर अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल के बाजार में कीमतें बढ़ती रहे तो उसके अनुपात में पेट्रोल डीजल भारत में महंगा होता रहेगा. 

इंडियन ऑयल के अनुसार चार मेट्रो शहरों में पेट्रोल-डीजल की कीमतें इस प्रकार हैं:

दिल्ली    103.97    86.67
मुंबई    109.98    94.14
चेन्नई    101.40    91.43
कोलकाता    104.67    89.79

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वैसे से किसानों के लिए भी बड़ी राहत माना जा रहा है, क्योंकि आने वाली रबी फसल के लिए उन्हें कम दामों पर डीजल मिल सकेगा. केंद्र सरकार ने राज्यों से भी पेट्रोल औऱ डीजल पर वैट घटाने को कहा है, ताकि आम आदमी को औऱ ज्यादा राहत दी जा सके. 

आर्थिक विश्लेषकों का कहना है कि पेट्रोल औऱ डीजल के रिकॉर्ड दामों का अर्थव्यवस्था पर असर पड़ना स्वाभाविक था. त्योहारों के पहले खाने-पीने, सब्जियां बहुत महंगी हो गई हैं. वहीं खाद का संकट झेल रहे किसानों के लिए भी डीजल की 100 रुपये के करीब पहुंच गई कीमत बड़ी परेशानी का सबब था. हालिया विधानसभा उपचुनाव में कुछ राज्यों में बीजेपी के खराब प्रदर्शन को भी महंगाई से जोड़कर देखा जा रहा है. 

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हालांकि दुनिया भर में अभी कच्चे तेल के दामों में तेज बढ़ोतरी हो रही है. तेल कंपनियां इसी के हिसाब से पेट्रोल औऱ डीजल के दामों मे बढ़ोतरी कर रही हैं. अक्टूबर में तो लगभग हर दिन ही पेट्रोल औऱ डीजल के दाम बढ़े हैं. अगर इस साल की बात करें तो पेट्रोल 25 रुपये के करीब और डीजल 20 रुपये प्रति लीटर तक महंगा हो गया है. राजस्थान के श्रीगंगानगर और कुछ अन्य इलाकों में तो पेट्रोल 121 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच गया था.