प्रणय रॉय की अमर्त्य सेन से अर्थव्यवस्था और कृषि कानूनों पर बातचीत

NDTV के प्रणय रॉय ने अर्थशास्त्री और नोबेल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर अमर्त्य सेन से अमेरिका में राजनीतिक स्थिति में बदलाव और भारत पर इसके प्रभाव, महामारी के दौरान अर्थव्यवस्था, भारत में किसानों के आंदोलन और लोकतंत्र पर बातचीत की

प्रणय रॉय की अमर्त्य सेन से अर्थव्यवस्था और कृषि कानूनों पर बातचीत

नोबल पुरस्कार विजेता प्रख्यात अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन से प्रणय रॉय ने बातचीत की.

नई दिल्ली:

NDTV ने अमर्त्य सेन (Amartya Sen) से पूछा कि आप अभी अमेरिका (US) में हैं और हम सभी ने अमेरिका में बहुत बड़ा बदलाव देखा है. ट्रम्प युग जो कि एक तरह का दुःस्वप्न था बाइडेन के आने के साथ खत्म हो गया है. इसलिए लोकतंत्र वास्तव में मायने रखता है और अमेरिका में इसका प्रभाव दिख रहा है. भारत पर इसका किस तरह प्रभाव पड़ेगा? क्या अमेरिका में अधिक प्रभावी लोकतंत्र की वापसी से भारत के प्रति अमेरिका के रवैये में भी बदलाव आएगा? इस पर प्रोफेसर अमर्त्य सेन ने कहा कि वैसे तो कई संबंध हैं. और उनमें से एक यह है कि अमेरिका में लोकतंत्र पर संदेह, जो पिछले शासन के दौरान बहुत मजबूत था, भारत में सिर्फ गलत तरह का प्रोत्साहन था. तथ्य यह है कि अमेरिका एक बहुत खराब उदाहरण स्थापित कर रहा था. वहां बहुत सारी चीजें चल रही थीं. चमकदार उदाहरण पेश करने के बजाय अमेरिका में, जैसा कि वे कहते हैं, बिल्कुल इसके विपरीत हो रहा था.

प्रणय रॉय और अमर्त्य सेन की बातचीत का पूरा शो देखने के लिए यहां पर क्लिक करें.

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