पंजाब : 9 साल बाद ब्लैक आउट, दफ्तरों का समय बदला, AC भी नहीं चलेगा, सिद्धू ने उठाए अपनी ही सरकार पर सवाल

राज्य में भारी बिजली संकट को देखते हुए ये फैसला किया गया है. कई ज़िलों में 10-15 घंटों का बिजली कटौती हो रही है. बिजली की कमी से किसान भी परेशान हैं.

चंडीगढ़:

पंजाब में बिजली का बड़ा संकट खड़ा हो गया है. पंजाब स्टेट पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने औद्योगिक क्षेत्र के लिए आज और कल हफ़्ते में दो दिन की साप्ताहिक छुट्टी का ऐलान किया है. राज्य में भारी बिजली संकट को देखते हुए ये फैसला किया गया है. कई ज़िलों में 10-15 घंटों का बिजली कटौती हो रही है. बिजली की कमी से किसान भी परेशान हैं. धान की रोपाई का समय है और उन्हें बिजली नहीं मिल पा रही है. मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने सरकारी दफ़्तरों में काम का समय घटाने का भी ऐलान किया है. सरकारी दफ़्तरों में अब सुबह 8 बजे दोपहर 2 बजे तक ही काम होगा.  साथ ही दफ़्तरों में एसी बंद रखने के भी आदेश दिए गए हैं. बिजली संकट के विरोध में आज अकाली दल ने प्रदर्शन भी किया है और अब विपक्षी अब बिजली के मुद्दे सड़कों पर उतर आए हैं. अकाली दल ने मानसा, मोगा, मोहाली, रोपड़ में पंखा लेकर विरोध प्रदर्शन किया.


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पंजाब में बिजली संकट पर सिद्धू ने अपनी ही सरकार पर सवााल उठाए हैं.

पंजाब में बिजली संकट को लेकर नवजोत सिंह सिद्धू ने अपनी ही सरकार पर उठाए सवाल. उन्होंने ट्वीट करके कहा- अगर सही दिशा में काम हुआ होता तो ये नौबत नहीं आती उन्होंने कहा कि बिजली की लागत, कटौती, बिजली ख़रीद समझौते की सच्चाई और कैसे पंजाब की जनता को मुफ़्त और 24 घंटे बिजली दी जा सकती है.  अगर हम सही दिशा में काम करें तो पंजाब में पावर कट या मुख्यमंत्री के लिए दफ़्तर का समय या आम लोगों के एसी के इस्तेमाल को बदलने की कोई ज़रूरत नहीं पड़ेगी.

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उन्होंने आगे लिखा कि पंजाब नेशनल ग्रिड से काफी सस्ते दाम पर बिजली ख़रीद सकता है. लेकिन बादल के दस्तख़त किए बिजली ख़रीद समझौते (PPAs) पंजाब के लोगों के हितों के खिलाफ काम कर रहे हैं. माननीय अदालतों से संरक्षण मिलने के कारण पंजाब इन PPAs से दोबारा मोलभाव नहीं कर सकता, लेकिन इसका भी एक रास्ता है. पंजाब विधानसभा नेशनल पावर एक्सचेंज में उपलब्ध क़ीमतों के आधार पर बिजली के दाम तय करने के लिए एक नया क़ानून ला सकती है, जो बीते समय से प्रभावी हो.